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सुब्रत रॉय का निधन: सहारा में लगा पैसा कैसे मिलेगा वापस, निवेशकों का क्या होगा?

2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को आदेश दिया कि वो निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित वापस करे.

क्विंट हिंदी
बिजनेस न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>सुब्रत रॉय </p></div>
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सुब्रत रॉय

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक 'सहाराश्री' सुब्रत रॉय (75) का लंबी बीमारी के बाद दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार (14 नवंबर) को निधन हो गया. सुब्रत राय के निधन से जहां एक तरफ शोक की लहर है तो वहीं दूसरी तरफ सहारा में निवेशकों की चिंता बढ़ गई है. उनके मन में सवाल है कि अब जब सहारा प्रमुख नहीं रहे तो अब उनके पैसे का क्या होगा?

पैसे निकलेंगे कैसे? कहीं पैसे डूब तो नहीं जाएंगे? ऐसे तमाम सवाल निवेशकों के मन में चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों को अपने पैसे मिलने की आस जगी थी. कई लोगों ने सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) में पैसा वापसी के लिए अप्लाई भी कर रखा था.

साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को आदेश दिया कि वो निवेशकों को उनका पैसा ब्याज सहित वापस करे. हालांकि, इसके बाद भी निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलने में लंबा समय लग गया.

कैसे मिलेगा पैसा?

अगस्त 2023 में सहारा इंडिया की चार सहकारी समितियों में फंसे करोड़ों निवेशकों के लिए रिफंड प्रोसेस शुरू हुआ. केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किए गए सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए रिफंड के लिए घर बैठे अप्लाई करने की सुविधा प्रदान की गई. साथ ही 5,000 करोड़ रुपये लौटाए जाने की बात कही गई.

सहारा रिफंड पोर्टल पर करना होगा आवेदन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में केंद्र सरकार ने 2023 में सहारा रिफंड पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in/ की स्थापना की. इस पोर्टल पर जाकर निवेशक अपने रिफंड के लिए आवेदन कर सकते हैं. पोर्टल के माध्यम से सहारा ग्रुप की 4 सहकारी समितियों- सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के निवेशकों को उनका पैसा वापस मिलेगा.

सहारा रिफंड पोर्टल कैसे काम करता है?

सहारा रिफंड पोर्टल पर अप्लाई करने के लिए दो प्रमुख शर्तें हैं: पहला, निवेशक का आधार कार्ड उनके मोबाइल नंबर से जुड़ा होना चाहिए; दूसरा, इसे उनके बैंक खाते से जोड़ा जाना चाहिए. निवेशकों को पैसा 45 दिनों के भीतर बैंक खातों में पहुंच जाएगा.

अपनी पहचान की गारंटी के लिए, जमाकर्ताओं के आधार कार्ड मान्य होंगे. वास्तविक जमाकर्ताओं को भुगतान उनके ऑनलाइन क्लेम दाखिल करने के 45 दिनों के भीतर, धन की उपलब्धता के अधीन, उनके बैंक खातों में जमा कर दिया जाएगा और उन्हें एसएमएस/पोर्टल के माध्यम से स्थिति की जानकारी दी जाएगी.

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उनके दावों और अपलोड किए गए दस्तावेजों को नियुक्त सोसायटी, ऑडिटर और ओएसडी द्वारा सत्यापित किया गया है. अपने दावे और जमा की पुष्टि के रूप में, सोसायटी के वास्तविक जमाकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया जाता है कि उनके पास एक बैंक खाता और एक सेलफोन नंबर है जो दोनों उनके आधार से जुड़े हुए हैं.

क्लेम करने के लिए एलिजिबिलिटी क्या है?

क्लेम दाखिल करने के लिए जमाकर्ताओं को 22 मार्च 2022 से पहले हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता, सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, लखनऊ, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड, भोपाल और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद में 29 मार्च 2023 से पहले निवेश करने वाले लोग ही इस पोर्टल के जरिए रिफंड पा सकते हैं.

जमाकर्ताओं को क्लेम करने के साथ क्या देना होगा?

  • मेंबरशिप नंबर

  • बैंक अकाउंट नंबर

  • आधार से जुड़ा मोबाइल नं. (अनिवार्य)

  • जमा प्रमाणपत्र/पासबुक

  • पैन कार्ड (यदि दावा राशि 50,000 रुपये और उससे अधिक है) (अनिवार्य).

इन सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ आप सहारा पोर्टल के जरिए अप्लाई कर सकते हैं. जैसे ही आपका आवेदन सबमिट होगा, आपको एक एनरोलमेंट नंबर मिल जाएगा. साथ ही आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS आएगा. अप्लाई करने के लिए कोई फीस नहीं लगेगी.

पैसा ऐसे निवेशकों को वापस मिलेगा, जिनके निवेश की मैच्योरिटी पूरी हो चुकी है. सरकार ने रिफंड होने वाले पैसों पर 10,000 रुपये का कैप लगाया है. यानी पहले चरण में उन निवेशकों की जमा राशि वापस लौटाई जाएगी, जिनका निवेश 10,000 रुपये है.

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