advertisement
इनकम टैक्स रिटर्न में इनकम छिपाने या गलत जानकारी देने पर आपके खिलाफ मुकदमा हो सकता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कहा है कि वेतन पाने वाले लोग अगर इनकम टैक्स भरते समय अंडर रिपोर्टिंग करते हैं या गलत जानकारी देते हैं उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही कर्मचारी के एंप्लॉयर को उसके खिलाफ एक्शन लेने को कहा जा सकता है.
इनकम टैक्स रिटर्न हासिल करने और इसे प्रोसेस करने वाले सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर बेंगलुरू ने इन संबंध में एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है टैक्सपेयर को ऐसे फर्जी टैक्स एडवाइजर्स और प्लानर्स से दूर रहना चाहिए जो टैक्स बेनिफिट दिलाने के नाम पर गलत क्लेम तैयार करते हैं. कम इनकम और डिडक्शन में बढ़ोतरी दिखा कर अंडर रिपोर्टिंग करने के लिए खिलाफ चेतावनी दी गई है. ऐसी हरकतों को गंभीरता से लिया गया है और इसमें कड़ी कार्रवाई होगी.
सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर बेंगलुरू की ओर से कहा गया है कि इनकम टैक्स रिटर्न में अंडर रिपोर्टिंग या गलत जानकारी देना आयकर कानून के तहत मुकदमे में फंसा सकता है और सजा भी दिला सकता है. विभाग ने यह चेतावनी जनवरी में एक ऐसे रैकेट के पकड़े जाने के बाद जारी की है, जो फर्जी दावों के जरिये लोगों को टैक्स बेनिफिट दिलाने का झांसा दे रहा था.सीबीआई ने हाल में इस मामले में क्रिमिनल केस दर्ज किया है.
सेंटर की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है अगर सरकार या पीएसयू के कर्मचारियों ने गलत टैक्स रिटर्न भरा या जानकारी छिपाई तो नियमों के तहत कार्रवाई के लिए विजिलेंस डिवीजन को कहा जाएगा. विभाग ने कहा है कि उसके पास विस्तृत रिस्क एनालिसिस सिस्टम है जो उन लोगों की पहचान करने में सक्षम है जिन्होंने इनकम टैक्स रिटर्न में गलत जानकारी दी है या अंडर रिपोर्टिंग की है. अगर इस तरह की हकत पकड़ी गई तो सीबीआई या ईडी को आपराधिक केस दर्ज करने का निर्देश दिया जा सकता है.
यह भी पढ़ें - इनकम टैक्स रिटर्न में विभाग को इस बार आपकी ज्यादा जानकारी चाहिए
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)