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फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Zomato ने ग्राहकों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ खाना सुनिश्चित करने के लिए एक नई फूड क्वालिटी पॉलिसी पेश की है. यह नीति पहले 18 अप्रैल से लागू होने वाली थी लेकिन जोमैटो ने इस फैसले को 3 मई तक के लिए टाल दिया था, इसके अनुसार आज (4 मई) से ये नीति लागू हो सकती है.
कुल मिलाकर जोमैटो इस नीति के जरिए सेहत से खिलवाड़ करने वाले, हानिकारक फूड की डिलीवरी करने वाले रेस्टोरेंट के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने जा रहा है.
जोमैटो ने अपनी नई ‘फूड क्वालिटी पॉलिसी’ का पालन नहीं करने वाले रेस्टोरेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने की योजना बनाई है. यानि अगर किसी ग्राहक ने खराब क्वालिटी के फूड को लेकर शिकायत की तो जोमैटो उस रेस्टोरेंट पर कार्यवाही करेगा. ईटी के अनुसार जोमैटो ने कहा
जोमैटो की नई नीति के अनुसार रेस्टोरेंट को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा एक थर्ड पार्टी निरीक्षण अपने खर्च पर करवाना होगा, तभी वो रेस्टोरेंट जोमैटो पर उपलब्ध हो सकता है.
ईटी ने जोमैटो के एक प्रतिनिधि के हवाले से बताया कि, ज्यादा से ज्यादा रेस्टोरेंट ऑनलाइन होना चाह रहे हैं, हमने महसूस किया कि एक ऐसी व्यवस्था बनाना जरूरी है जो हमारे रेस्टोरेंट पार्टनर्स और ग्राहकों दोनों के हितों की रक्षा करेगा.”
इसके अलावा जोमैटो की इस नीति के अनुसार एक्सपायरी डेट वाले खाने को डिलीवर करना, शाकाहारी खाने की जगह कुछ और भेज देना या मांसाहारी खाना भेजना, सड़ा हुआ खाना भेजना, ऐसी गलती पर शिकायतों के आधार पर कार्यवाही की जाएगी.
NRAI के सदस्यों ने फोटो के आधार पर शिकायत की जांच की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं, उनका मानना है कि उन फोटोज के साथ आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है.
इसके अलावा NRAI के अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि यह नीति रेस्टोरेंट के परामर्श के बिना पेश की जा रही है. बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब जोमैटो और NRAI आमने-सामने हैं. पहले भी कई मुद्दो पर दोनों आपस में भिड़ चुके हैं.
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