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सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के रिवाइवल पैकेज का ऐलान कर दिया है. यूनियन कैबिनेट की ओर से इन कंपनियों के मर्जर के ऐलान के बाद सरकार ने कहा कि दोनों कंपनियों के जो कर्मचारी वीआरएस लेना चाहते हैं उन्हें काफी अच्छा पैकेज मिलेगा. सरकार ने साफ किया कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को न तो बंद किया जा रहा है और न ही उनका विनिवेश हो रहा है. हालात सुधारने के लिए दोनों कंपनियों का मर्जर किया जा रहा है.
बीएसएनएल में 1.76 लाख कर्मचारी हैं. लेकिन इसकी वित्तीय हालत काफी खराब है. वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी को 13,804 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है.बीएसएनएल पर कर्मचारियों के वेतन का 850 करोड़ रुपये बकाया है.
पिछले दिनों टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार इस कंपनी को चलाने में आ रही परेशानियों को दूर करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि जब भी देश के किसी भी हिस्से में कोई बाढ़ या तूफान जैसी कोई प्राकृतिक आपदा आती है तो बीएसएनएल जैसी कंपनियां फ्री सर्विस देती हैं. कंपनी की कमाई का 75 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों का वेतन देने में काम आता है. वहीं अन्य कंपनियां इस मद में केवल पांच से 10 फीसदी खर्च करती हैं.
कंपनी अभी अपने कर्मचारियों को सितंबर माह की सैलरी भी नहीं दे पाई है. हालांकि उसका कहना था कि वह दिवाली से पहले कर्मचारियों के वेतन के मद में बकाये का पूरा भुगतान कर देगी. दरअसल पिछले कुछ दिनों से बीएसएनएल के कर्मचारियों को वेतन न मिलना बड़ा मुद्दा बना हुआ है.
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