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ओएनजीसी को अपने कच्चे तेल का उत्पादन 12 फीसदी बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने की वजह से तीन साल में करीब 18,787 करोड़ रुपये की अधिक सब्सिडी का भुगतान करना पड़ा.
ओएनजीसी को इसके बाद अपने एग्जीक्यूटिव्स को भी वेतन के हिस्से का अधिक भुगतान करना पड़ा.
संसद में सोमवार को पेश नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में यह बात कही गई कि ओएनजीसी ने कुछ अन्य चीजों को अपने उत्पादन में शामिल किया और कच्चे तेल का उत्पादन 12 फीसदी अधिक दिखाया.
रिपोर्ट के अनुसार, 2010-11 से 2014-15 के दौरान ओएनजीसी ने 13.21 करोड़ टन कच्चे तेल के उत्पादन का दावा किया. इसमें करीब 12.1 फीसदी या 60 लाख टन उत्पादन बढ़ा- चढ़ाकर दिखाया गया.
कैग ने कहा कि उत्पादन बढ़ाकर दिखाने की वजह से 2012 से 2015 के दौरान कंपनी को 18,787.43 करोड़ रुपये की सब्सिडी अधिक देनी पड़ी.
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