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व्यापार बढ़ाने के लिए कंपनियों की ओर से अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. मौजूदा वक्त में प्रचलित हो रहे बाइ नाउ, पे लेटर (अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें) यानी BNPL का भी ग्राहकों को लुभाने के लिए बड़ा इस्तेमाल हो रहा है. आइए समझते हैं BNPL और इससे जुड़े अहम पहलुओं को-
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, बाइ नाउ पे लेटर की सुविधा देने वाले प्लेटफॉर्म सामान की त्वरित खरीद सुनिश्चित करते हुए बाद में भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. ग्राहक भुगतान की रकम को आसानी से छोटी अवधि के EMI में बदल सकते हैं. इन EMI को सुविधा के अनुसार कुछ महीनों में चुकाया जाता है. साधारण तौर पर ऐसी व्यवस्था कस्टमर के लिए पूरी तरह इंटरेस्ट या ब्याज मुक्त होती है. रिटेलर या मर्चेंट अपने बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए ज्यादातर मामलों में ऐसे ब्याज का भार खुद सहते हैं.
पिछले कुछ सालों में BNPL लेनदेन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. कोविड के बाद कम होती नौकरियों और अनिश्चित आय के संकट में बड़ी संख्या में लोग इस भुगतान तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं. युवाओं या पहली बार क्रेडिट की सुविधा का इस्तेमाल करने वाले लोगों के बीच BNPL व्यवस्था काफी पसंद की जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक युवा महंगे स्मार्टफोन, बड़े अप्लायन्सेस, व्हीकल्स, फैशन आदि से जुड़ी खरीदों के लिए इसका काफी इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनियों के पास BNPL आवेदनों में कई गुना बढ़ोतरी देखी गई है.
BNPL भुगतान व्यवस्था की तरफ आकर्षण का सबसे बड़ा कारण सहूलियत और इसका सस्ता होना है. क्रेडिट कार्ड के विकल्प के तौर पर काम करने के बावजूद ज्यादातर लोगों के लिए यह ब्याज मुक्त है. साथ ही, कोई छिपा चार्ज नहीं होने के कारण लोगों में इस तरफ आकर्षण बढ़ रहा है. भुगतान की शर्तों में भी ग्राहक को रियायतें उपलब्ध होती हैं. कोविड के समय बैंकों से लोन की जटिल प्रक्रिया और क्रेडिट लिमिट में कटौती का भी BNPL को फायदा मिला है. Buy Now Pay Later के तेज विस्तार के पीछे बड़ा कारण इसका आम ग्राहकों के लिए उपलब्ध होना भी है.
BNPL भुगतानों को चुकाने में विफलता को लेकर कोई स्पष्ट डेटा उपलब्ध नहीं है. हालांकि, इंडस्ट्री के जानकार बताते हैं कि डिफॉल्ट के मामले काफी कम देखे गए हैं. क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन की ही तरह यहां भी अनुमानित डिफॉल्ट 10% से कम है. BNPL सेवा प्रदाता कंपनियां जेस्टमनी और फ्लेक्सीपे ने इसे 4%-6% के बीच बताया है.
तमाम सहूलियतों के बीच BNPL लेनदेन में कुछ चीजों का ध्यान भी रखना चाहिए. समय पर भुगतान ना होने की स्थिति में ऐसे प्लेटफॉर्म बड़ी पेनल्टी लगा सकते हैं. इसके साथ ही इस सुविधा को भविष्य के लिए पूरी तरह रोका जा सकता है. रकम बड़ी होने पर रेग्युलेटरी अथॉरिटी की मदद से कार्रवाई भी की जा सकती है.
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