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हवाई किराए में भारी बढ़ोतरी,जेट संकट के बाद यात्रियों पर एक और मार

जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने से डोमेस्टिक और इंटरनेशनल रूट्स के किराये बढ़ गए हैं 

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कंज्यूमर
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जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने से महंगे हो गए हैं हवाई किराये 
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जेट एयरवेज की उड़ानें बंद होने से महंगे हो गए हैं हवाई किराये 
फोटो : रॉयटर्स

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जेट एयरवेज का संकट जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, हवाई किराये भी बढ़ते जा रहे हैं. इस संकट का असर पिछले कुछ समय से ही हवाई किरायों पर दिख रहा था. लेकिन जेट की उड़ानें पूरी तरह बंद होने से किरायों में तेज बढ़ोतरी हुई है . घरेलू रूट्स पर फ्लाइट्स टिकट 30 से 50 फीसदी महंगे हो चुके हैं. इंटरनेशनल रूट्स पर भी यही आलम है. वीकेंड की छुट्टियों की वजह से किरायों पर दबाव और बढ़ा है.

ऑनलाइन ट्रैवल एग्रीगेटर्स की साइट्स पर के मुताबिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर किरायों में 30 से 50 फीसदी का इजाफा दिख रहा है. घरेलू रूट पर मांग में बढ़ोतरी के मद्देनजर इंडिगो एयरलाइंस ने मुंबई और दिल्ली हवाई अड्डों पर 10 और फ्लाइट्स का इंतजाम किया है लेकिन लगता नहीं है कि इससे किरायों का बढ़ना रुकेगा.

ग्राफिक्स : द क्विंट 

वीकेंड की छुट्टियों ने संकट और बढ़ाया

जेट संकट की वजह से पिछले कुछ वक्त से ही हवाई किरायों में इजाफा देखने को मिल रहा है. लेकिन जेट की उड़ानें पूरी तरह बंद होने का साफ असर महावीर जयंती से शुरू होकर ईस्टर की छुट्टियों के दौरान यात्रा करने वाले यात्रियों की जेब पर पड़ा है. वीकेंड में यात्रा करने वाली की बढ़ती तादाद ने इंटरनेशनल रूट पर किराये 30 फीसदी तक बढ़ा दिए हैं.

वैसे कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि कई एयरलाइंस जेट की उड़ानें बंद होने से टिकटों की बढ़ी मांग पूरी करने के लिए और फ्लाइट्स शुरू करने जा रही हैं. इंडिगो ने मई से मुंबई और दिल्ली के बीच फ्लाइट्स बढ़ाने का ऐलान किया है. एयरलाइंस 10 अतिरिक्त उड़ानें शुरू करेगी. वैसे कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा विमान आने से अभी बढ़े किराये थोड़े कम हो सकते हैं. लेकिन यह नाकाफी होगा.

टूरिज्म और एविएशन सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि जेट एयरवेज की बाजार हिस्सेदारी काफी बड़ी थी. जेट की फ्लाइट्स बंद होने से टिकटों की मांग बढ़ गई है लेकिन दूसरी एयरलाइंस की ओर से अतिरिक्त विमान उतारने के बावजूद यह कमी पूरी होती नहीं दिखती. 
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इमरजेंसी फंड न मिलने से हुआ जेट का यह हश्र

जेट का संकट पिछले 15 दिनों से काफी गहरा गया था. नरेश गोयल के बोर्ड से निकलने के बाद एयरवेज को नए ग्राहक की तलाश थी. इस बीच, इसे 1500 करोड़ रुपये का फंड मुहैया कराने की कोशिश हो रही थी. लेकिन आखिर में इसे इमरजेंसी फंड के तौर पर 400 करोड़ रुपये नहीं मिल सके. इस वजह से इसे अपनी सारी उड़ानें बंद कर दी. इसका हवाई किरायों पर तत्काल प्रभाव पड़ा और इनमें 30 से 50 फीसदी तक बढ़ोतरी दिखने लगी.

जेट एयरलाइंस के कर्मचारियों ने कहा, सरकार दखल दे

जेट एयरवेज के इस संकट से कम से कम इसके 16, 000 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट आ गया है. इन कर्मचारियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है. जेट एयरलाइंस के कर्मचारी यूनियन ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार से मांग की है कि वह जेट एयरवेज को इस संकट से निकाले. उन्होंने कहा कि सरकार को कर्मचारियों के रोजगार संकट को खत्म करने के लिए कदम उठाए चाहिए.

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Published: 18 Apr 2019,12:52 PM IST

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