रियल एस्टेट में मंदी लेकिन घर खरीदना और महंगा हुआ 

मकानों की कीमतें कम न होने की वजह यह है कि मंदी के बावजूद डेवलपर्स मकान की कीमत कम नहीं कर रहे हैं

क्विंट हिंदी
कंज्यूमर
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मंदी के बावजूद डेवलपर्स मकानों की कीमत कम नहीं कर रहे हैं
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मंदी के बावजूद डेवलपर्स मकानों की कीमत कम नहीं कर रहे हैं
(फोटो : द क्विंट ) 

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मकानों की कीमतें गिरने, किराये के घर सस्ते होने और रियल एस्टेट में मंदी की खबरों के बीच चौंकाने वाली खबर ये है कि पिछले चार साल में घर खरीदना और महंगा हो गया है. इसका सीधा सा मतलब है डेवलपर्स मकानों के दाम नहीं घटा रहे हैं. मुंबई में घर खरीदना सबसे महंगा है जबकि भुवनेश्वर में तुलनात्मक तौर पर सबसे सस्ता. आरबीआई के 13 शहरों के सर्वे से जुड़ी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.

मुंबई में घर खरीदना सबसे मुश्किल और भुवनेश्वर में सबसे आसान

आरबीआई ने लोन लेकर घर खरीदने वाले होम बायर की क्षमता का आकलन का किया है. इसी के आधार पर यह रिपोर्ट बनाई गई है. रिजर्व बैंक ने गुरुवार को सर्वे जारी करते हुए कहा, ‘पिछले चार साल में घर लोगों की पहुंच से दूर हुए हैं. इस दौरान आवास मूल्य से आय (एचपीटीआई) अनुपात मार्च, 2015 के 56.1 से बढ़कर मार्च, 2016 में 61.5 हो गया है. इसका मतलब आय की तुलना में मकानों की कीमत बढ़ी है. रिपोर्ट के हिसाब से मुंबई में घर खरीदना सबसे मुश्किल और भुवनेश्वर में सबसे आसान है.

सर्वे के मुताबिक इस दौरान औसत ऋण से आय (एलटीआई) अनुपात भी मार्च, 2015 के 3 से मार्च, 2019 में 3.4 हो गया है, जो घर के लोगों की पहुंच से दूर होने की पुष्टि करता है.

सर्वे में कहा गया है कि औसत ऋण से मूल्य (एलटीवी) अनुपात 67.7 से 69.6 फीसदी है जो दिखाता है कि बैंक अब अधिक जोखिम उठाने लगे हैं. एलटीवी का मतलब आवास ऋण पर क्रेडिट रिस्क से है.
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सर्वे के मुताबिक औसत ईएमआई से आय (ईटीआई) अनुपात पिछले दो साल के दौरान कमोबेश स्थिर बना हुआ है. यह लोन की एलिजिबिलिटी बताता है. हालांकि, अन्य शहरों की तुलना में मुंबई, पुणे और अहमदाबाद ने अधिक ऊंचा औसत ईटीआई दर्ज किया. यह स्टडी मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, पुणे, जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, लखनऊ, भोपाल और भुवनेश्वर में की गई.

(भाषा के इनपुट के साथ)

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