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नए टैक्स नियमों के बाद भारतीय एक्सचेंजों में कम हुई क्रिप्टो ट्रेंडिंग- रिपोर्ट

क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट से संबंधित नए टैक्स नियम भारत में 1 अप्रैल से लागू किए गए हैं.

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<div class="paragraphs"><p>नए टैक्स नियमों के बाद भारतीय एक्सचेंजों में गिरा क्रिप्टो ट्रेंडिंग वॉल्यूम</p></div><div class="paragraphs"></div>
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नए टैक्स नियमों के बाद भारतीय एक्सचेंजों में गिरा क्रिप्टो ट्रेंडिंग वॉल्यूम

(फोटो- रॉयटर्स)

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नए Cryptocurrency टैक्स लॉ को अपनाने के बाद भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों पर ट्रेंडिंग के वॉल्यूम में कमी आई है. मुंबई के एक रिसर्च ऑर्गनाइजेशन Crebaco और क्रिप्टोकरेंसी डेटा एक्सचेंजर के द्वारा कलेक्ट किए गए डेटा में यह बात सामने आई है. भारत में 1 अप्रैल को नया टैक्स कानून लागू हुआ, जिसके मुताबिक देश में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार से प्राप्त सभी लाभ 30 प्रतिशत टैक्स के अंतर्गत होंगे. इसके अलावा, कोई कटौती, सेट-ऑफ या कैरीओवर की अनुमति नहीं है.

टैक्स कानून के मुताबिक भारत के क्रिप्टो यूजर्स को प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत टीडीएस का अतिरिक्त भुगतान करना होगा.

CoinDesk की एक रिपोर्ट के मुताबिक CoinMarketCap और Nomics के डेटा का उपयोग करके चार भारतीय एक्सचेंजों- WazirX, ZebPay, CoinDCX और BitBns के वॉल्यूम को कलेक्ट किया गया था. आंकड़ों के मुताबिक WazirX 72 प्रतिशत, ZebPay 59 प्रतिशत, कॉइनडीसीएक्स 52 प्रतिशत और BitBns 41 प्रतिशत डाउन था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक Crebaco के सीईओ सिद्धार्थ सोगनी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि नए टैक्स ने बाजार को बूरी तरह से प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि 1, 2 और 3 अप्रैल को छुट्टियां थीं और तब से वॉल्यूम में गिरावट जारी है.

सरकार को इस पर गौर करना चाहिए और इसे (क्रिप्टोकरेंसी) रोकने का कोई तरीका नहीं है इसलिए सरकार को इस प्रौद्योगिकी को अपनाना चाहिए.
सिद्धार्थ सोगनी
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क्रिप्टो एक्सचेंज Unocoin के को-फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ के मुताबिक नया टैक्स कानून मार्केट को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने पिछले दिनों अपने ट्वीट में कहा था कि प्रति वर्ष 10 लाख से कम आय वाले लोग क्रिप्टो पर 30% फिक्स्ड इनकम टैक्स से प्रभावित होते हैं. 1% टीडीएस मार्केट मेकर्स और लिक्विडिटी प्रोवाइडर्स को प्रभावित कर रहा है.

एक अन्य ट्वीट में उन्हों लिखा कि लोग आखिकार 30% इनकम टैक्स के साथ जीवन शुरू कर सकते हैं. 1% टीडीएस एक बहुत बड़ा दर्द होगा, न केवल पैसे के मामले में बल्कि अनुपालन, कटौती, डिपार्टमेंट को पेमेंट और री-कॉन्सिलेशन के बारे में भी.

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