Home Business ‘मिस्त्री को टाटा संस से हटाना गैरकानूनी था’,रतन टाटा को बड़ा झटका
‘मिस्त्री को टाटा संस से हटाना गैरकानूनी था’,रतन टाटा को बड़ा झटका
NCLAT का ये फैसला रतन टाटा के लिए बड़ा झटका है
क्विंट हिंदी
बिजनेस
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रतन टाटा और साइरस मिस्त्री.
(फोटो: Ians)
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नेशनल कंपनी लॉ एपेलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने कॉरपोरेट जगह का एक बड़ा फैसला सुनाया है. NCLAT ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस बोर्ड के चेयरमैन पद से हटाने को गैरकानूनी बताया है. ये साइरस मिस्त्री के लिए बड़ी जीत है.
कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को हटाना गैरकानूनी बताया है. कोर्ट ने फिर से टाटा ग्रुप का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाए जाने का फैसला सुनाया है.
NCLAT का ये फैसला रतन टाटा के लिए बड़ा झटका है क्यों कि रतन टाटा के संरक्षण में ही एन चंद्रशेखरन टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था. जिन्होंने मिस्त्री की कुर्सी संभाली थी.
पूरे कॉरपोरेट जगत की निगाहें इस फैसले पर थीं. खास तौर पर कॉरपोरेट जगत में ये जानने की उत्सुकता था कि कंपनी का बोर्ड, चेयरमैन को इस तरह से हटा सकता है या नहीं
इस खबर के आने के साथ ही टाटा कंपनी के शेयरों में कमजोरी देखने को मिली. टाटा मोटर्स का शेयर करीब 4% गिरा. साथ ही टाटा संस की कंपनियों टाटा ग्लोबल बेवरेजज, टाटा केमिकल शेयरों में भी कमजोरी देखने को मिली.
NCLAT ने कहा है आदेश के चार हफ्ते बाद साइरस मिस्त्री को एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद पर बहाल किया जाए.
इसके पहले साइरस मिस्त्री NCLT में टाटा संस और खासतौर से रतन टाटा के खिलाफ कानूनी लड़ाई हार गए थे. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मिस्त्री को टाटा संस बोर्ड में दोबारा बहाल करने से इनकार कर दिया था.
साइरस मिस्त्री को मैनेजमेंट के कुप्रबंधन के चलते निकाला गया. उन्होंने 2012 में टाटा संस के छठवें चेयरमैन के रूप में पद संभाला था. अक्टूबर 2016 में उन्हें इस पद से बर्खास्त कर दिया गया.
साइरस मिस्त्री ने टाटा संस पर मैनेजमेंट में गड़बड़ी और छोटे शेयरधारकों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एनसीएलटी का रुख किया था.
जनवरी 2017 में टाटा संस ने एन चंद्रशेखरन को चेयरमैन बनाया. इसके एक ही महीने बाद साइरस मिस्त्री को टाटा संस के बोर्ड के पद से भी हटा दिया गया.
साइसर मिस्त्री टाटा संस के छठे चेयरमैन थे और उन्होंने टाटा संस के बोर्ड से अक्टूबर 2016 में निकाल दिया गया.