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नोटबंदी का ग्रोथ रेट पर असर नहीं, जीडीपी के 7 फीसदी रहने का अनुमान

पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद से जीडीपी में भारी गिरावट की आशंका थी.

द क्विंट
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चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है. पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 हजार के नोट बंद होने के बाद से जीडीपी में भारी गिरावट की आशंका थी. ऐसे में मंगलवार को केंद्रीय सांख्यिकी विभाग ने जो आंकड़े जारी किए हैं वो नोटबंदी की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बुरी तरह प्रभावित होने की आशंकाओं को दरकिनार करते हैं.

ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 6.1 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया था.

वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ग्रोथ रेट 7 फीसदी रही है जो दूसरी तिमाही के ग्रोथ रेट 7.3 फीसदी से थोड़ी ही कम है

केंद्रीय सांख्यिकी विभाग ने चालू वित्त वर्ष की ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. पहले भी 7.1 फीसदी ग्रोथ रेट का ही अनुमान जताया गया था. मतलब साफ है कि 2016-17 की ग्रोथ रेट के अनुमान में कोई बदलाव नहीं है.

चालू वित्त वर्ष के लिए जारी अनुमान बताते हैं कि

  • आंकड़े बताते हैं कि नोटबंदी का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. इस सेक्टर की ग्रोथ रेट दूसरी तिमाही के 7.1 % के मुकाबले तीसरी तिमाही में 8.3% रही.
  • कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ रेट में गिरावट देखने को मिली है. पिछली तिमाही के 3.5 % के मुकाबले तीसरी तिमाही में ये 2.7 फीसदी ही रही है.
  • कृषि क्षेत्र में पिछली तिमाही के 3.3 % के मुकाबले तीसरी तिमाही में ग्रोथ रेट 6% रही.
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पिछले साल 8 नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद कैश की भारी किल्लत हुई थी. जिसका असर कई क्षेत्रों पर पड़ने के कयास लगाए जा रहे थे. कई अर्थशास्त्रियों ने जीडीपी रेट में गिरावट का अनुमान लगाया था. हालांकि अब कैश की समस्या काफी हद तक दूर हो चुकी है. बैंकों ने भी अपने सभी प्रतिबंधों को 13 मार्च से हटा लिया है.

रिजर्व बैंक का अनुमान है कि कैश की किल्लत दूर होने से वृद्धि दर में सुधार होगा. 8 फरवरी को रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 7.4 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान जताया था.

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