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देशभर में 14 अप्रैल के बाद अब दूसरा लॉकडाउन जारी है. जो आने वाली 3 मई को खत्म होगा. लेकिन इससे पहले सरकार की तरफ से कुछ सेक्टर्स को राहत दी गई है. 20 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में कई सेक्टर्स को लॉकडाउन में भी छूट दी जाएगी. जो इकनॉमी को बूस्ट करने के लिए उठाया गया एक कदम है. इसी को लेकर फिक्की के सेक्रेटरी जनरल दिलीप चिनॉय ने क्विंट से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने बताया कि कौन सी वो चुनौतियां होंगी जिनका सामना 20 अप्रैल के बाद करना पड़ सकता है.
चिनॉय ने सरकार की तरफ से हॉटस्पॉट घोषित किए गए 170 जिलों को लेकर कहा, “लॉकडाउन में जो हॉटस्पॉट बताए गए हैं वो जिले के हिसाब से हैं. लेकिन देश में कई जिले ऐसे हैं जो देश की जीडीपी में काफी हिस्सेदारी देते हैं. तो अब आगे जाकर हॉटस्पॉट, कंटेनमेंट जोन और बफर जोन को कैसे डिफाइन किया जाता है, ये दखना होगा. उन्हें जिले की बजाय एक चुने हुए एरिया में अगर बदला जाए और फिर इकनॉमिक एक्टिविटी शुरू हो तो ये एक अच्छा कदम होगा.”
चिनॉय ने बताया कि पिछले लॉकडाउन के दौरान कई कंपनियों ने सिर्फ अपना 5 या 10 फीसदी तक काम किया. लेकिन इसके बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से ट्रांसपोर्टेशन जैसी समस्या को लेकर बात करके जरूरी चीजें बनाने वाली कंपनियों ने अपना काम सही तरीके से शुरू कर दिया है. अब कंपनियां 80 फीसदी तक प्रोडक्शन कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि आगे जाकर अगर ऐसा ही रहता है तो कंपनियां अपना प्रोडक्शन बढ़ा सकती हैं. लेकिन जो इंपोर्ट पर निर्भर करते हैं और उनकी सप्लाई चेन में बाधा आ रही है तो उनको दिक्कत हो सकती है. दूसरा कई कंपनियां ट्रकों पर निर्भर करती हैं. उन्हें अपने ड्राइवर वापस बुलाने में वक्त लग सकता है. मजदूरों की वापसी को लेकर चिनॉय ने कहा,
चिनॉय ने कई सेक्टर्स में एक्टिविटी शुरू होने को लेकर कहा,
“गृहमंत्रालय की तरफ से जो लॉकडाउन में छूट देने के निर्देश जारी किए गए हैं, इसे इकनॉमिक एक्टिवटी को शुरू करने के लिए किया गया है. जो इकनॉमिक एक्टिविटी पूरी तरह बंद हो चुकी थी और इनकम बिल्कुल जीरो पर थी तो ये उसे ही शुरू करने के लिए बढ़ाया गया एक कदम है . अगर आप देखें तो जितने भी सेक्टर्स को खोले जाने की बात हुई है, वो जीडीपी में काफी हिस्सेदारी रखते हैं. इसीलिए इससे जीडीपी पर पॉजिटिव इम्पैक्ट पड़ेगा.”
दिलीप चिनॉय ने सरकार के इस कदम को एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि जिन सेक्टर्स पर फोकस किया गया है वो काफी बेहतर है. उन्होंने कहा,
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज के लिए भी ये काफी अहम है. क्योंकि मानसून से पहले ही उन्हें अपना काम खत्म करना होगा, नहीं तो बाद में काफी दिक्कत आएगी. अब इस पूरी गाइडलाइन के बाद स्टेट्स इसे जमीनी स्तर पर कैसे लागू करते हैं, आगे इसी पर सब निर्भर करेगा.
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