advertisement
बजट से ठीक पहले मोदी सरकार ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया है. शुरुआती तौर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया. इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया. आर्थिक सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था के पिछले एक साल की तस्वीर पेश की गई, साथ ही अगले वित्त वर्ष के लिए भी नीतिगत संकेत दिए.
इकॉमिक सर्वे में कहा गया है कि 2025 तक भारत को पांच ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने के लिए सालाना 8 परसेंट की दर से जीडीपी ग्रोथ हासिल करनी होगी. सर्वे में कहा गया है अगर वित्त वर्ष 2019-20 में ग्रोथ धीमी होती है तो इससे रेवेन्यू कलेक्शन पर नेगेटिव असर होगा.
इकनॉमिक सर्वे में सरकार का अनुमान है कि फाइनेंशियल ईयर 2020 में ग्रोथ रेट 7% रह सकती है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में 6.8% ग्रोथ रेट का अनुमान जताया गया था. देश में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में हालात में कुछ बेहतरी हुई है. साथ ही सीमेंट और स्टील की खपत भी बढ़ी है.
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक पिछले पांच साल के दौरान औसत जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रही है. वहीं इकोनॉमिक सर्वे में मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर ज्यादा रहने का उम्मीद जताई गई है. साथ ही इकॉमिक सर्वे में कहा गया है कि 2025 तक भारत को पांच ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने के लिए सालाना 8 परसेंट की दर से जीडीपी ग्रोथ हासिल करनी होगी.
इकनॉमिक सर्वे में फाइनेंशियल ईयर 2020 में तेल की कीमतों में गिरावट का अनुमान जताया गया है. क्रूड की कीमतें भारत के फाइनेंशियल हालातों के लिए पॉजिटिव रहेंगी. सरकार फाइनेंशियल ईयर 2019 के फिस्कल कंसोलिडेशन पर अडिग है.
फाइनेंशियल ईयर 2019 में ग्रोथ धीमी होने का कारण NBFC में दिक्कतें रहीं है. लेकिन सर्वे में FY2020 में जीडीपी की तेज रफ्तार की उम्मीद जताई गई है. राजनीतिक स्थिरता से इकनॉमी के तेजी से आगे बढ़ने की उम्मीद है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)