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कोरोना वायरस संकट की वजह से इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में ही भारत की इकनॉमी में एक चौथाई की गिरावट देखने को मिल सकती है, बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स के किए 11 दिग्गज इकनॉमिस्ट के पोल में ये बात निकल कर आई है.
इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही के जीडीपी के आधिकारिक आंकड़े 31 अगस्त को जारी किए जाएंगे. पिछले फाइनेंशियल ईयर यानि FY20 में इकनॉमी में 4.2% की दर से इजाफा हुआ था और आखिरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 3.1% था. साफ है कोरोना वायरस के पहले से ही इकनॉमी की हालत पस्त है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.2% थी.
भारत का देशव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को लगा था और ये मई में कई चरणों में हटाया गया. लेकिन जुलाई में देखा गया कई जगह राज्यों और जिलों के स्तर पर लॉकडाउन लगाना पड़ा, कहीं पर वीकेंड लॉकडाउन भी जारी है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष का अनुमान है कॉरपोरेट नतीजे अनुमान से बेहतर रहे हैं इसलिए जून तिमाही में 16.5% की गिरावट देखने को मिल सकती है. घोष का कहना है कि-
DBS बैंक की इंडिया इकनॉमिस्ट राधिका राव का अनुमान है कि पहली तिमाही में भारत इकनॉमी में16.6% की गिरावट आ सकती है.
इंडिया रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट डके पंत का मानना है कि इस पूरे फाइनेंशियल ईयर में पॉजिटिव ग्रोथ की उम्मीद नहीं है. इंडिया रेटिंग्स आ अनुमान है कि भारत की इकनॉमी में 13.6% की गिरावट दिख सकती है.
थिंक टैंक नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER) के अनुमान के मुताबिक पहली तिमाही में भारत की इकनॉमी में 25.7% की गिरावट देखी जा सकती है. ये सभी रेटिंग एजेंसियों के अनुमान में सबसे ज्यादा है.
नोमुरा की चीफ इकनॉमिस्ट इंडिया का अनुमान है कि पहली तिमाही में भारत की इकनॉमी 15.2% गिर सकती है.
HDFC बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट अभीक बरुआ का कहते हैं कि जब इंडस्ट्री 32% की दर से गिर रही है तब जून तिमाही में -21% ग्रोथ रेट का अनुमान है.
IDFC फर्स्ट बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट इंद्राणी पान का अनुमान है कि पहली तिमाही में ग्रोथ में 17% की गिरावट देखने को मिल सकती है.
यस बैंक के सीनियर इकनॉमिस्ट विवेक कुमार का मानना है कि पहली तिमाही में इकनॉमी 18.5% की गिरावट देखने को मिलेगी.
बार्कलेज के चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट राहुल बिजोरिया का कहना है कि डिमांड को पुश देने के लिए एख छोटे फिस्कल सहारे की जरूरत है. बार्कलेज का अनुमान है कि इकनॉमी में 25.5% की गिरावट देखन को मिल सकती है.
केयर रेटिंग का अनुमान है कि जून तिमाही में भारत की इकनॉमी में 20% की गिरावट देखने को मिली सकती है.
केयर रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट मदन सबनवीस का कहना है कि अगर ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस संकट और गहराता है तो कंजम्प्शन और परचेजिंग पावर की स्थिति खराब होगी इससे इकनॉमी में आ रहा उछाल ज्यादा वक्त तक नहीं बना रहेगा.
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