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26% तक गिर सकती है GDP, अर्थशास्त्रियों ने जताई आशंका

11 दिग्गज इकनॉमिस्ट के पोल में ये बात निकल कर आई है.

क्विंट हिंदी
बिजनेस
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26% तक गिर सकती है GDP, अर्थशास्त्रियों ने जताई आशंका
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26% तक गिर सकती है GDP, अर्थशास्त्रियों ने जताई आशंका
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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कोरोना वायरस संकट की वजह से इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही में ही भारत की इकनॉमी में एक चौथाई की गिरावट देखने को मिल सकती है, बिजनेस अखबार इकनॉमिक टाइम्स के किए 11 दिग्गज इकनॉमिस्ट के पोल में ये बात निकल कर आई है.

दिग्गज अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इकनॉमी की रिवकरी में वक्त लग सकता है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और इन्फेक्शन के नए मामले सामने आने से स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन किया जा रहा है. अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इकनॉमी में 13.6% से लेकर 25.7% तक की गिरावट देखने को मिल सकती है. अर्थशास्त्रियों को लगता है कि ग्रोथ में तेजी लाने के लिए सरकार और कई कदम उठाने होंगे.
(ग्राफिक्स- क्विंट हिंदी)

31 अगस्त को जारी होंगे GDP के आंकड़े

इस फाइनेंशियल ईयर की पहली तिमाही के जीडीपी के आधिकारिक आंकड़े 31 अगस्त को जारी किए जाएंगे. पिछले फाइनेंशियल ईयर यानि FY20 में इकनॉमी में 4.2% की दर से इजाफा हुआ था और आखिरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 3.1% था. साफ है कोरोना वायरस के पहले से ही इकनॉमी की हालत पस्त है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5.2% थी.

भारत का देशव्यापी लॉकडाउन 25 मार्च को लगा था और ये मई में कई चरणों में हटाया गया. लेकिन जुलाई में देखा गया कई जगह राज्यों और जिलों के स्तर पर लॉकडाउन लगाना पड़ा, कहीं पर वीकेंड लॉकडाउन भी जारी है.

SBI रिसर्च

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष का अनुमान है कॉरपोरेट नतीजे अनुमान से बेहतर रहे हैं इसलिए जून तिमाही में 16.5% की गिरावट देखने को मिल सकती है. घोष का कहना है कि-

अब जरूरत है कि हम लॉकडाउन लगाने और हटाने को लेकर नए सिरे से योजनाएं बनाएं. साथ ही हमें नए सिरे से फिस्कल प्लान बनाने की भी जरूरत है जिससे कि राज्यों को मदद हो और वो भरोसेमंद हो सकें. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
सौम्य कांति घोष, ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर, SBI

DBS बैंक

DBS बैंक की इंडिया इकनॉमिस्ट राधिका राव का अनुमान है कि पहली तिमाही में भारत इकनॉमी में16.6% की गिरावट आ सकती है.

कोरोना संकट और लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पहली तिमाही पर पड़ा है. इन महीनों में एक झटके में तीन चौथाई इकनॉमी रुक गई.
राधिका राव, इंडिया इकनॉमिस्ट, DBS बैंक

इंडिया रेटिंग्स

इंडिया रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट डके पंत का मानना है कि इस पूरे फाइनेंशियल ईयर में पॉजिटिव ग्रोथ की उम्मीद नहीं है. इंडिया रेटिंग्स आ अनुमान है कि भारत की इकनॉमी में 13.6% की गिरावट दिख सकती है.

NCAER

थिंक टैंक नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER) के अनुमान के मुताबिक पहली तिमाही में भारत की इकनॉमी में 25.7% की गिरावट देखी जा सकती है. ये सभी रेटिंग एजेंसियों के अनुमान में सबसे ज्यादा है.

नोमुरा

नोमुरा की चीफ इकनॉमिस्ट इंडिया का अनुमान है कि पहली तिमाही में भारत की इकनॉमी 15.2% गिर सकती है.

HDFC बैंक

HDFC बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट अभीक बरुआ का कहते हैं कि जब इंडस्ट्री 32% की दर से गिर रही है तब जून तिमाही में -21% ग्रोथ रेट का अनुमान है.

IDFC फर्स्ट बैंक

IDFC फर्स्ट बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट इंद्राणी पान का अनुमान है कि पहली तिमाही में ग्रोथ में 17% की गिरावट देखने को मिल सकती है.

अप्रैल और मई में मैन्यूैक्चरिंग पर बुरा असर पड़ा था लेकिन जून में हल्की रिकवरी देखने को मिली थी.
इंद्राणी पान, चीफ इकनॉमिस्ट, IDFC फर्स्ट बैंक
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यस बैंक

यस बैंक के सीनियर इकनॉमिस्ट विवेक कुमार का मानना है कि पहली तिमाही में इकनॉमी 18.5% की गिरावट देखने को मिलेगी.

बार्कलेज

बार्कलेज के चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट राहुल बिजोरिया का कहना है कि डिमांड को पुश देने के लिए एख छोटे फिस्कल सहारे की जरूरत है. बार्कलेज का अनुमान है कि इकनॉमी में 25.5% की गिरावट देखन को मिल सकती है.

केयर रेटिंग्स

केयर रेटिंग का अनुमान है कि जून तिमाही में भारत की इकनॉमी में 20% की गिरावट देखने को मिली सकती है.

केयर रेटिंग्स के चीफ इकनॉमिस्ट मदन सबनवीस का कहना है कि अगर ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस संकट और गहराता है तो कंजम्प्शन और परचेजिंग पावर की स्थिति खराब होगी इससे इकनॉमी में आ रहा उछाल ज्यादा वक्त तक नहीं बना रहेगा.

फंडामेंटल समस्या ये है कि लॉकाडाउन की वजह से कंजम्प्शन अभी भी गिरा हुआ है, बाजार में रोजगार नहीं है और लोगों की परचेजिंग पावर गिर चुकी है.
मदन सबनवीस, चीफ इकनॉमिस्ट, केयर रेटिंग

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Published: 18 Aug 2020,10:07 PM IST

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