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लगातार 5 तिमाही गिरावट के बाद लौटी तेजी,विकास दर में 6.3 % की बढ़त

यह ट्रेंड अगर बरकरार रहता है, तो पूरे साल की विकास दर 6.5 फीसदी रह सकती है.

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यह ट्रेंड अगर बरकरार रहता है तो पूरे साल की विकास दर 6.5 फीसदी रह सकती है
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यह ट्रेंड अगर बरकरार रहता है तो पूरे साल की विकास दर 6.5 फीसदी रह सकती है
(फोटो: iStock)

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सितंबर में खत्म हुई तिमाही में विकास दर 6.3 फीसदी रही, जो उससे पहले तिमाही की 5.7 फीसदी से अधिक है. माना जा रहा है कि जीएसटी और नोटबंदी के बाद आई गिरावट का असर अब खत्म हो रहा है.

इस तेजी की सबसे बड़ी वजह रही कंस्ट्रक्शन, मैन्यूफैक्चरिंग और बिजली के क्षेत्र में बढ़त. वैसे सर्विसेज सेक्टर में सुस्ती बरकरार है.

आंकड़ों के मुकाबिक, ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में बढ़ोतरी की दर पिछले साल की इस तिमाही के 11.1 फीसदी की तुलना में सितंबर वाली तिमाही में 9.9 फीसदी रही. इसके साथ ही सरकारी खर्च में भी इस तिमाही में कमी आई है.

जानकारों के मुताबिक, ताजा आंकड़ों से यह संकेत साफ हो रहा है कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद के संकट से अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे उबर रही है. अगर यह ट्रेंड अगर बरकरार रहता है, तो पूरे साल की विकास दर 6.5 फीसदी रह सकती है.

खास बातों पर एक नजर

  • खेती में विकास दर 1.7 फीसदी
  • मैन्यूफैक्चरिंग में 7 फीसदी की बढ़त
  • कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 2.6 फीसदी की तेजी
  • फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर 5.7 फीसदी बढ़ा
  • सरकारी खर्च में 6 फीसदी की बढ़त, पिछली तिमाही में यह 9.5 फीसदी बढ़ा था
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10 फीसदी विकास दर हासिल करना चुनौतीपूर्ण: जेटली

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि देश के लिए 10 फीसदी विकास दर हासिल करना चुनौतियों से भरा काम है.

जेटली ने एक प्रोग्राम के दौरान कहा, "10 फीसदी विकास दर काफी चुनौतीपूर्ण आंकड़ा है. यह केवल घरेलू फैक्‍टर पर निर्भर नहीं करता. यह इस पर भी निर्भर करता है कि दुनिया में किस तरह की विकास दर है."

जेटली ने कहा, "जब दुनियाभर की आर्थिक रफ्तार धीमी थी, तो हम तीन सालों तक 7-8 फीसदी की विकास दर हासिल करने में सफल रहे. मैं समझता हूं कि हमने इस अवधि का अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक बदलाव के लिए बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया है. निश्चित रूप से, यह हमें मध्यम और लंबी अवधि में विकास में तेजी लाने में मदद करेगा."

हाल ही में लागू माल और सेवा कर के बारे में उन्होंने कहा कि अगर GST की दरों को शुरुआत में कम रखा जाता, तो इससे महंगाई बढ़ती और इकनॉमी पर बुरा असर पड़ता.

ताजा आंकड़ा मोदी सरकार के वादों से काफी पीछे: चिदंबरम

कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने इकनॉमी के ताजा आंकड़ों पर सधी टिप्‍पणी की है. उन्‍होंने ट्वीट किया कि दूसरी तिमाही में विकास दर 6.3 फीसदी रहना मोदी सरकार के वादों से काफी पीछे है. उन्‍होंने कहा कि किसी नतीजे तक पहुंचने के लिए हमें अगले 3-4 तिमाही तक इंतजार करना चाहिए.

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Published: 30 Nov 2017,06:36 PM IST

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