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अब तक खबरें एलन मस्क (Elon Musk) और ट्विटर (Twitter) को लेकर सौदे की थी, लेकिन यह मामला अब एलन मस्क बनाम ट्विटर बन गया है. लगभग तीन महीने पहले ही एलन मस्क ने कहा था कि वे ट्विटर को खरीदने की क्षमता रखते हैं और इसे $44 बिलियन में खरीदा जाएगा.
एलन मस्क को भरपूर सुर्खियां मिलने के बाद डील को लेकर उनके सुर बदलने लगे. मस्क ट्विटर के शीर्ष अधिकारियों की चुटकी लेने लगे. कंपनी के बोर्ड पर तंज कसते हुए ट्वीट किए. उन्होंने दावा किया कि ट्विटर पर बहुत ज्यादा स्पैम अकाउंट हैं और उन्हें इस मामले पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई. अब इस मामले में मस्क पूरी तरह से ट्विटर को खरीदने से पीछे हट रहे हैं. लेकिन अब आगे क्या?
ट्विटर ने आधिकारिक रूप से कहा है कि वह इस डील को ऐसे ही नहीं जाने देगा बल्कि एलन मस्क को इसके लिए कोर्ट नें घसीटेगा. ट्विटर के चेयरमैन ब्रेट टेलर ने एक ट्वीट में कहा कि कंपनी इस सौदे को पूरा करने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि मामला अदालत में कैसे खत्म होगा, उन्होंने कहा कि उन्हें "विश्वास है कि हम डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी में जीतेंगे।"
एनवाईटी के मुताबिक बर्कले सेंटर फॉर लॉ एंड बिजनेस के कार्यकारी निदेशक एडम स्टर्लिंग ने कहा, "ट्विटर का दायित्व है कि वह इस मसले पर मस्क से लड़ाई लड़े, ऐसा करना जरूरी होगा क्योंकि शेयरधारकों का हित साधने और सौदे को बचाने के लिए ये ट्विटर का दायित्व है.
उन्होंने आगे कहा कि "मुझे लगता है कि यह अदालत में जाएगा और आखिरकार किसी तरह का सेटलमेंट होगा जो दोनों पक्षों की साख बचाने में मददगार साबित होगा."
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की माने तो डेलावेयर कोर्ट में ऐसे मामलों में खरीदने वाले पक्ष (मस्क) के लिए डील छोड़ने के पैमाने सख्त हैं.
वहीं इसी में आगे बताया गया कि ऐसे मामलों में अधिकतर डील पर पुनर्विचार कर उसमें बदलाव कर नए सिरे पेश किया जाता है या फिर मामले को सेटल करने के लिए कुछ राशि चुकानी पड़ती है.
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