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जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल के घर पर एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट की छापेमारी हुई. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक ED ने नरेश गोयल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर उनको हिरासत में ले लिया है. उनसे कई घंटों तक पूछताछ भी चलती रही.
सूत्रों के मुताबिक, गोयल के बिजनेस एंपायर में 19 प्राइेवट कंपनियां हैं, जिसमें से 14 भारत में रजिस्टर हैं और 5 विदेश में. गोयल ने 1992 में आइल ऑफ मैन में M/s Tail Winds Corporation नाम से एक कंपनी शुरू की थी, जो जेट एयरवेज की सभी फाइनेंशियल एक्टिविटी कंट्रोल करती है. ईडी हसमुख दीपचंद गर्दी की भी जांच कर रही है, जिसने Tail Wind में काफी पैसा इन्वेस्ट किया था और अब वो दुबई में रहता है.
जेट एयरवेज नकदी संकट के बाद 17 अप्रैल से बंद हैं. नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने मार्च में जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था. जिस शख्स ने जेट एयरवेज को बनाया और 25 साल तक चलाया, उसी नरेश गोयल को एयरलाइंस को बचाने के लिए अपनी कंपनी के चेयरमैन पद से हटना पड़ा था.
जेट एयरवेज 8,500 करोड़ रुपये के कर्ज के तले डूबी हुई है. साल 2010 से जेट एयरवेज लगातार घाटे में थी. नुकसान और कर्ज बढ़ने के बाद देनदार एयरलाइंस को और पैसा देने से मुकर गए. धीरे-धीरे कंपनी के पास कर्मचारियों की सैलरी और तेल के लिए भी पैसा नहीं बचा. इसके बाद कंपनी को अपनी उड़ानों की संख्या कम करनी पड़ी. जेट ने 118 के बजाय जेट 7 विमानों से काम चलाने लगी. आर्थिक स्थिति हद से ज्यादा खराब होने के बाद निवेशकों और लेंडर्स ने चेयरमैन नरेश गोयल को पद से हटने के लिए कहा. नरेश गोयल कंपनी से हट गए फिर भी न तो लेंडर्स और न ही किसी निवेशक ने पैसा दिया.
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