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एक चीनी कंपनी ने एलन मस्क से लेकर जेफ बेजोस तक को अरबों का नुकसान करा दिया. एक चीनी कंपनी की बदहाली ने दुनिया भर के शेयर बाजारों को डरा दिया. इस कंपनी का नाम है Evergrand ग्रुप. सोमवार को भारतीय शेयर बाजार सेंसेक्स और NSE निफ्टी 50 में भी करीब 1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. निफ्टी में जुलाई के बाद से अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन दर्ज किया गया. समझिए क्या है ये कंपनी, इसके साथ ऐसा क्या हुआ कि दुनिया हिल गई.
एवरग्रांडे (Evergrande) चीन की एक बहुत बड़ी रियल-इस्टेट कंपनी है. कंपनी चाइना के 280 शहरों में 1300 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है. कंपनी में लगभग 2 लाख लोग काम करते है. लेकिन अभी कंपनी की स्थिति बेहद खराब है.
कंपनी को अभी इमीडिएट आधार पर 350 बिलियन डॉलर का कर्ज अपने लेंडर्स, सप्लायर और निवेशकों को चुकाना है. लेकिन कंपनी के पास अपना कर्ज चुकाने के लिए पैसा नहीं है. कंपनी ने 128 बैंक और 121 नॉन-बैंकिंग इंस्टिट्यूशन्स से पैसा ले रखा है. अगर एवरग्रांडे अपना पेमेंट सही समय पर बैंक और अपने लेंडर्स को देने में नाकाम होती है, तो ये एक तरह का साइकिल बन सकता है.
उदहारण से समझिये- अगर आपने रमेश से एक साल के लिए 1 करोड़ का कर्ज लिया. लेकिन अगर आप 1 साल के बाद वो कर्ज रमेश को नहीं लौटा पाते हैं तो रमेश भी आगे किसी को 1 करोड़ का पेमेंट नहीं कर सकेगा. और ये साइकिल चलता ही जायेगा.
सोमवार को अचानक हुई इस गिरावट ने दुनिया भर के बाजारों को प्रभावित किया, जिसमें करीब 500 सबसे अमीर लोगों को संयुक्त रूप से 135 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.
ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स के अनुसार, टेस्ला (Tesla Inc.) के सीईओ एलॉन मस्क को इस घाटे में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि उनकी संपत्ति में $ 7.2 बिलियन का नुकसान हुआ है और अब उनकी संपत्ति घटकर $198 बिलियन हो चुकी है. दूसरे नंबर पर अमेजन (Amazon) के सीईओ जेफ बेजोस को 5.6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जिससे उनकी संपत्ति घटकर 194.2 बिलियन डॉलर हो गई.
ब्लूमबर्ग की रैंकिंग के अनुसार Evergrande की संस्थापक और अध्यक्ष हुई का यान की संपत्ति में तेजी से गिरावट देखी गई, क्योंकि कंपनी के शेयर एक दशक में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए. उनकी संपत्ति अब 7.3 अरब डॉलर हो गई है, जो 2017 में 42 अरब डॉलर के शिखर पर थी.
हांगकांग के सबसे बड़े प्रॉपर्टी डेवलपरों को हांगकांग के Hang Seng Index में सबसे ज्यादा नुकसान देखने को मिला. प्रॉपर्टी बिलियनर्स ली शाउ-की, यांग हुआयन, ली का-शिंग और हेनरी चेंग को संयुक्त रूप से $ 6 बिलियन से अधिक का नुकसान हुआ.
आपको बता दें 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस को ही लेहमेन मोमेंट के नाम से जाना जाता है.
मार्केट के विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति को लेकर वर्ल्ड लेवल पर गहरी चिंता जताई जा रही है कि चीन में अगर ऐसा कुछ होता है तो इसका असर पूरे विश्व पर पड़ेगा.
इंडिया के शेयर बाजार पर इसके प्रभाव पर वी के विजयकुमार ने कहा कि- पहले चीनी सरकार द्वारा अपने ही कंपनी पर रेगुलेटरी कार्रवाई और अब एवरग्रांडे संकट. ये भारत के लिए शुभ संकेत हैं, जिससे भारत के मार्केट में कैश फ्लो (Cash Flow) बढ़ा है और इसके मीडियम से लॉन्ग टर्म में और बढ़ने की संभावना है
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