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HUL (Hindustan Unilever) ने ऐलान किया है कि वो अपने ब्रैंड फेयर एंड लवली का नाम बदलेगा. कंपनी में एक बयान जारी कर कहा है कि फेयर एंड लवली से फेयर शब्द को हटाया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि दुनिया भर में रंगभेद को लेकर चल रहे बहस के बाद इसपर फैसला लिया है. कई लोगों ने गोरा करने वाले क्रीम के ऐड पर आपत्ति भी जताई थी.
कंपनी ने कहा है कि उसने क्रीम के नए नाम के लिए रेगुलेटरी मंजूरी मांगी है जो कुछ महीनों में मिल जाएगी और तब नया नाम लॉन्च कर दिया जाएगा.
फेयर एंड लवली क्रीम 45 साल पुराना है प्रोडक्ट है और भारत में पिछले साल सिर्फ इस क्रीम की बिक्री साढ़े 3 हजार करोड़ रुपये की हुई थी.
अमेरिका में पिछले महीने एक अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड कि हत्या के बाद, जब ब्लैक लाइव मैटर आंदोलन ने जोर पकड़ा, तब हिंदुस्तान यूनीलीवर की पैरेंट कंपनी यूनीलीवर जैसी कंपनियों की बड़ी आलोचना हुई थी कि ये लोग ये कंपनियां गोरेपन की क्रीम बेचकर श्वेत और अश्वेत का भेदभाव बढ़ाती हैं.
पेप्सिको और जॉनसन एंड जॉनसन समेत दुनिया भर के कई कॉर्पोरेशन नस्ली समानता के पक्ष में कोई न कोई कदम उठा रहे हैं. यूनीलीवर के खिलाफ फेयर एंड लवली क्रीम के खिलाफ अभियान बहुत पुराना है.
कई ऑनलाइन अभियान चले, जिनमं यह मांग की गई कि कंपनी भेदभाव को बढ़ाने वाली इस क्रीम को बंद करे, लेकिन पिछले महीने जब आंदोलन बहुत तेज हुआ तो आखिरकार कंपनी ने अब ये बड़ा फैसला लिया है.
बॉलीवुड के तमाम बड़े स्टार्स फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करते हैं और लोगों को एक हफ्ते में गोरा होने का नुस्खा बताते हैं. जिसको लेकर अक्सर लोग विरोध करते रहे हैं.
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