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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पब्लिक सेक्टर बैकों के प्रमुखों और प्राइवेट सेक्टर के मुख्य बैंकों के प्रमुखों के साथ 5 अगस्त को अलग-अलग सेक्टर के क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज देने) की समीक्षा के लिए बैठक करेंगी. इस बैठक में एमएसएमई, रिटेल, ऑटो, एनबीएफसी और एचएफसी क्षेत्र शामिल हैं. इससे जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की रफ्तार बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकेंगे.
बयान में कहा गया कि समिति द्वारा प्रस्तावित सिफारिशों में अंतर-मंत्रालयी समन्वय शामिल है. वित्त मंत्रालय अगले हफ्ते राजस्व और व्यय विभागों, एमएसएमई मंत्रालय, और आईटी, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के साथ ही दूरसंचार मंत्रालय के साथ भी समयसीमा और कार्रवाई निर्धारित करने के लिए बैठक करेंगी.
यू.के. सिन्हा की अगुवाई वाली विशेषज्ञ समिति एमएसएमई क्षेत्र में सुधार के लिए अपनी सिफारिशें जून में सौंपी थीं और नोटबंदी व जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) तथा तरलता के संकट से आहत छोटे व्यवसायों को राहत देने के लिए टेक्सटाइल अपग्रेडेशन फंड स्कीम की तर्ज पर एमएसएमइज के लिए 5,000 करोड़ रुपये के एसेट फंड का सुझाव दिया था.
वहीं, एफएमसीजी (तेज खपत उपभोक्ता वस्तुएं) क्षेत्र में भी ग्रामीण बाजारों में मांग में कमी आने से मंदी देखी जा रही है. बढ़ती आर्थिक मंदी के साथ निवेश पर असर पड़ा है और कर्ज की मांग घटी है. शहरी और ग्रामीण और दोनों ही क्षेत्रों में उपभोक्ता मांग में कमी आई है. इसके अलावा इस साल मॉनसून में अनियमित बारिश ने ग्रामीण मांग को प्रभावित किया है.
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