advertisement
पीएमसी बैंक मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जेबी भोरिया को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था, अब खबर है कि वो पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस के खिलाफ इकनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) में एफआईआर करने की तैयारी में हैं.
प्रक्रिया के मुताबिक, थॉमस के खिलाफ एफआईआर मुंबई पुलिस दर्ज नहीं करेगी बल्कि ये इकनॉमिक ऑफेंस विंग में रजिस्टर होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि मामले में जितनी रकम है वो EOW के दायरे में आती है.
RBI प्रशासन ने द क्विंट को बताया कि जॉय थॉमस पीएमसी बैंक के एकमात्र सदस्य हैं, जिनको सीधे फ्रॉड केस में बुक किया जाएगा. एक बार जब जांच पूरी हो जाएगी, उसके बाद अगर और नाम आते हैं तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
हमने पीएमसी बैंक के नए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किए गए जेबी भोरिया से बात की-
27 सितंबर को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस ने स्वीकार किया था कि कोऑपोरेटिव बैंक ने HDIL को 2500 करोड़ रुपये का लोन 6 साल के लिए जारी किया था. उन्होंने ये भी माना कि कंपनी ने पिछले 3 साल से किश्तें देना बंद कर दीं और कथित तौर पर ये बात पीएमसी बैंक के बोर्ड के सदस्यों से छुपाई गईं.
जेबी भोरिया ने ये भी कहा कि जांच एजेंसियों को अभी तक सही-सही नहीं पता है कि HDIL को 2500 करोड़ का ही कर्ज दिया गया. इसका पता तभी चल सकता है जब पुलिस और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स बैंक द्वारा पिछले कुछ सालों में दिए गए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट लोन का खुलासा करें.
उन्होंने (पीएमसी बैंक, जब जॉय थॉमस एमडी थे) 500 या 1000 करोड़ रुपये का कर्ज तो दिया ही, इसी के साथ उन्होंने अपने एम्पलॉइज और कुछ अन्य लोगों को इनडायरेक्ट लोन दिया. अब हमें इसके बारे में विस्तार से जानकारी जुटानी होगी. पुलिस और चार्डर्ट अकाउंटेंट अब मिलकर ये खोजेंगे. हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते हैं कि HDIL को 2500 करोड़ का कर्ज दिया गया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)