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ऐसा लगता है कि बयानबाजी करके किसी की नाक में दम कर देने में माहिर बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी को इस बार मुंह की खानी पड़ेगी.
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन को निशाना बनाने के बाद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रह्मण्यम को पद से हटाने की मांग की. लेकिन मोदी सरकार इस बार तुरंत सीईए के बचाव में उतर पड़ी है.
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को साफ किया कि केंद्र सरकार को अरविंद सुब्रह्मण्यम पर पूरा भरोसा है. जेटली ने संवाददाताओं से कहा,
इससे पहले, सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अरविंद सुब्रह्मण्यम पर ‘कांग्रेस के लिए काम करने’ का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी. उन्होंने बुधवार को इस बारे में कई ट्वीट किए.
दरअसल, रघुराम राजन आरबीआई में दूसरा टर्म नहीं लेंगे, यह बात तय होने के बाद सरकार डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है. ऐसे में सरकार यह नहीं चाहती थी कि आर्थिक मोर्चे पर कोई नया विवाद पैदा हो. यही वजह है कि उसने आगे आकर इस मुद्दे को ठंडा करने की कोशिश की.
सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से सीईए को निशाना बनाए जाने के बाद विरोधियों को भी एनडीए सरकार की नीतियों पर वार करने का मौका मिल गया. कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय सिंह ने कहा कि स्वामी का असली निशाना केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली हैं, न कि अरविंद सुब्रह्मण्यम.
दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा, “सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अब एनडीए सरकार के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम पर निशाना साधा है. लेकिन उनका असली लक्ष्य केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली हैं.”
कांग्रेस महासचिव ने सवालिया लहजे में कमेंट किया कि क्या मोदी वित्त मंत्रालय का प्रभार सुब्रह्मण्यम स्वामी को सौंपने जा रहे हैं?
बहरहाल, मोदी सरकार इस मामले में फूंक-फूंककर कदम बढ़ा रही है, जिससे विवाद को हवा न मिल सके.
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