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कल आरबीआई ने रेपो रेट में .25 % की कटौती की. इस फैसले के बाद होम लोन, कार लोन और कई दूसरे तरह के लोन सस्ते होने की संभावना है. इस फैसले से लोगों की जिंदगी पर सीधे तौर पर प्रभाव पड़ना तय है.
इस खबर के बीच हमने फायनेंशियल प्लानर गौरव मशरूवाला से बात की. गौरव से हमारी बातचीत, शेयर्स में निवेश, गोल्ड लोन और फायनेंशियल प्लानिंग पर आधारित है. गौरव ‘Essential Guide to Carefree Retirement’ और 'Yogic Wealth - The wealth that gives bliss' के लेखक हैं. ऊपर आप गौरव से द क्विंट की पूरी बातचीत सुन सकते हैं.
एक्सपर्ट- अगर आपको पैसे की जरूरत 8-9 साल बाद है तो इक्विटी फंड बेहतर विकल्प हैं. अगर दो-तीन साल बाद आपको पैसों की जरूरत पड़ने वाली है तो डेब्ट फंड ज्यादा अच्छा है. इसमें भी आपके पास बॉन्ड फंड जैसे काफी विकल्प मौजूद हैं.
आपकी जरूरत तय कर लें, उसके हिसाब से निवेश का फैसला लें. आपके पास कई विकल्प भी मौजूद होंगे. लेकिन जल्दबाजी में कोई फैसला न लें. अगर जल्दबाजी में आपने कोई ऐसा प्रोडक्ट ले लिया, जो आपके काम ना आ रहा हो, तो आप अटक जाएंगे.
एक्सपर्ट- युवाओं की काफी सारी जरूरत हो सकती हैं. अगर यूथ को एक साल बाद किसी काम के लिए पैसे की जरूरत है, तो मेरा सुझाव होगा बैंक एफडी या डेब्ट फंड ले ले. अगर कोई युवा रिटायरमेंट की प्लानिंग करना चाहता है, तो उसे एक्विटी में एसआईपी (सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लानिंग) शुरू करना चाहिए.
अगर किसी को 5 साल बाद पैसे की जरूरत है, तो उसे कोई ऐसा म्यूचुअल फंड लेना चाहिए जिसमें डेब्ट और इक्विटी दोनों मिले-जुले तौर पर हों.
एक्सपर्ट- अगर आपके पास 8-9 साल हैं, जिनमें आपको पैसे की जरूरत नहीं है. तो एसआईपी के तहत शेयर खरीदें.
इस बीच आप कई अलग-अलग फेज देखेंगे. इसमें जब रेट कम होगा तो आप ज्यादा खरीदेंगे, ज्यादा रेट होगा तो आप कम खरीदेंगे. पर आपका वैल्यूएशन लगातार बढ़ेगा.
अगर आपको तीन-चार साल में पैसे की जरूरत है तो मेरा सुझाव है कि आप 15-20% निवेश करें. इससे ज्यादा निवेश करने पर आप पैसे की जरूरत के वक्त अटक जाएंगे.
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