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आर्थिक विकास दर के मोर्चे पर इस तिमाही में अच्छी खबर नहीं है. बुधवार को जारी हुए जीडीपी के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली है. केंद्र की ओर से बुधवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016-17 में देश की विकास दर 7.1% रही. यही नहीं, 2016-17 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान जीडीपी ग्रोथ महज 6.1% रही.
नवंबर में नोटबंदी के चलते वित्त वर्ष 2016-17 में विकास दर में गिरावट का अनुमान जताया था. नोटबंदी के फैसले के बाद विकास दर के साथ ग्रॉस वैल्यू एडेड ग्रोथ में भी गिरावट रही. वित्त वर्ष 2017 में जीवीए ग्रोथ 7.9 फीसदी से घटकर 6.6 फीसदी रही है.
जीडीपी समेत देश के कई कोर सेक्टर्स की ग्रोथ में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.
सबसे तेज गिरावट कंस्ट्रक्शन सेक्टर में देखने को मिली. बीते साल इस सेक्टर की ग्रोथ का आंकड़ा 6% था, जो इस साल -3.7 % की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
वित्त वर्ष 2017 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 10.8 फीसदी से घटकर 7.9 फीसदी रही. 2016-17 की चौथी तिमाही में ग्रोथ 12.7 फीसदी से घटकर 5.3 फीसदी रही है.
2016-17 में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 10.5% से घटकर 1.8% रही है. 2016-17 की चौथी तिमाही में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ 10.5% से घटकर 6.4% रही है.
हालांकि, कृषि सेक्टर में गिरावट नहीं है. यहां ग्रोथ 0.7 % से बढ़कर 4.9% रही. 2016-17 की चौथी तिमाही में कृषि सेक्टर की ग्रोथ 1.5% से बढ़कर 5.2% रही है.
चालू वित्त वर्ष में देश के अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.5 % होगी, जो अगले चार वर्षो में बढ़कर आठ फीसदी हो जाएगी. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2016-17 के जीडीपी आंकड़े जारी करने से पहले बुधवार को यह अनुमान जारी किए थे.
मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा,
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘’कुल मिलाकर हमारा मानना है कि अगले तीन से चार सालों में भारत के अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर धीरे-धीरे बढ़कर 8% हो जाएगी"
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