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इकनॉमी के मोर्चे पर अच्छी खबर है, अब भारत की इकनॉमी तकनीकी रूप से मंदी से बाहर आ गई है. फाइनेंशियल ईयर 2020-21 की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव टेरिटरी में रही है. सांख्यिकी मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 0.4% रही है. वहीं पूरे फाइनेंशियल ईयर के लिए GDP ग्रोथ -8% रहने का अनुमान है. कोरोना वायरस संकट के दौरान गढ्ढे में गिरी इकनॉमी अब फिर से बाहर आ चुकी है, हालांकि पहले के स्तर पर पहुंचने में वक्त लगेगा.
अगर सेक्टर्स की ग्रोथ पर नजर डालें तो साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इकनॉमी कोरोना वायरस संकट से तेजी से बाहर आ रही है. पूरी इकनॉमी के पॉजिटिव में आने की सबसे अहम वजह एग्रीकल्चर का स्थिर प्रदर्शन है. तीसरी तिमाही में कृषि ही एक ऐसा बड़ा सेक्टर था जिसने अच्छी ग्रोथ दिखाई थी, इस तिमाही में कृषि सेक्टर की ग्रोथ और बढ़कर 3.9% पर आ गई है. वहीं इंडस्ट्रीज और मैन्यूफैक्चरिंग भी ग्रोथ की पटरी पर वापस लौट आई है.
पूरे वित्तीय साल 2020-21 के लिए जीडीपी ग्रोथ -8% रहने का अनुमान है और GVA -6.5% रह सकता है.
बता दें कि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ को बहुत बुरा झटका लगा था जब इकनॉमी में 24.4% का कॉन्ट्रेक्शन देखने को मिला था. हालांकि दूसरी तिमाही में इस स्तर से इकनॉमी में खासी रिकवरी देखने को मिली थी. दूसरी तिमाही में ग्रोथ -7.3 परसेंट के स्तर पर थी. पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि तीसरी तिमाही में इकनॉमी पॉजिटिव जोन में आ सकती है. और उम्मीद के मुताबिक ही इकनॉमी पॉजिटिव जोन में आ गई है और साथ ही तकनीकी तौर पर अब हम मंदी से बाहर आ गए हैं.
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