advertisement
सरकार पीपीएफ, किसान विकास पत्र, एनएससी और सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम जैसी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घटा सकती हैं. इस महीने इन बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा होगी. दरअसल रिजर्व बैंक ने सस्ते लोन का फायदा ग्राहकों को देने के लिए छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घटाने का सुझाव दिया है. इसके बाद से सरकार की ओर से इन सेविंग्स स्कीमों की ब्याज दरें घटाए जाने के संकेत मिलने लगे हैं.
सरकार स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों की समीक्षा हर तीन महीने में करती है. सितंबर में उसने इन ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था लेकिन दिसंबर में वित्त मंत्रालय इन दरों में कटौती कर सकता है. बैंकों का कहना है कि अगर वो डिपोजिट दरें घटाते हैं तो स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरें ज्यादा होने से ग्राहक इस ओर चले जाएंगे. दरअसल बैंक लोन सस्ता करते हैं तो इसके लिए उसे डिपोजिट दरें घटानी होंगी. यही वजह है कि वह लागत को ध्यान में रख कर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घटाएंगीं.
स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरें रिटायरमेंट ले चुके बुजुर्गों के लिए काफी अहम होती हैं क्योंकि अपनी मासिक इनकम के लिए वह इस पर काफी हद तक निर्भर होते हैं
पीपीएफ जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम में अच्छा रिटर्न के साथ टैक्स छूट भी मिलती है. इस वजह से इसका असली रिटर्न और बढ़ जाता है. यही वजह है पीपीएफ छोटी बचत योजनाओं में सबसे ज्यादा पॉपुलर है.
सरकार ने इस साल जून में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें घटाई थीं. उस वक्त उसने ब्याज दरों में 0.1 फीसदी की कटौती की थी. इसलिए पीपीएफ और पांच साल की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट जैसी योजनाओं पर ब्याज दर 8 फीसदी से घट कर 7.9 फीसदी कर दी गई थी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)