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साढ़े सात हजार रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक के किराये वाले होटल रूम पर जीएसटी घट सकता है. अभी इस पर 28 फीसदी जीएसटी लग सकता है. लेकिन 20 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद इसे 18 फीसदी करने का ऐलान हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक कई राज्यों ने टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए होटल कमरों के किरायों पर जीएसटी घटाने की मांग की थी. इसके बाद फिटमेंट कमेटी ने होटल कमरों के किराये के चार स्लैब में से एक का टैक्स घटाने की पेशकश की है.
जीएसटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि 7500 रुपये से ज्यादा किराया वाले होटल के कमरों पर टैक्स घटाने पर हॉस्पेटिलिटी इंडस्ट्री को फायदा होगा. दरअसल सर्विस सेक्टर के लिए पहले 28 फीसदी की कैटेगरी न रखने का विचार हुआ था. लेकिन यह लागू नहीं हुआ. इसलिए इस बार टैक्स स्लैब 28 से घटा कर 18 फीसदी रखा जा सकता है.
जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले हर इंडस्ट्री टैक्स में रियायत के लिए पूरा जोर लगा रही है. कुछ सेक्टरों को राहत मिल सकती है. लेकिन ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर को रियायत मिलने की उम्मीद नहीं है. केंद्र और राज्य सरकारें दोनों इन सेक्टरों पर लगने वाले टैक्स की कमाई नहीं छोड़ना चाहती. विशेेषज्ञों का कहना है कि अगर ऑटो सेक्टर पर जीएसटी 28 फीसदी से घटा कर 18 फीसदी कर दिया जाए तो 60 हजार करोड़ रुपये का घाटा होगा. अगर गाड़ियों पर टैक्स घटाया गया तो ऑटो कंपोनेंट पर भी टैक्स घटाना पड़ सकता है.
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