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देशभर में जुलाई से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने की उम्मीद है. अब इसे देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक रिटेलर्स, प्रोडक्ट्स पर छूट देकर पुराने स्टॉक को खत्म करना चाह रहे हैं. ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी आने के बाद 12.5 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स मार्केट पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
विजय सेल्स और फ्यूचर ग्रुप जैसे बड़े रिटेलर्स भी छूट दे रहे हैं. छोटे रिटेलर्स अपनी जरूरत के हिसाब से डीलर्स से खरीद रहे हैं. वो नए इन-डॉयरेक्ट टैक्स की वजह से परेशान नहीं होना चाहते हैं.
GST कांउसिल ने 18 फीसदी टैक्स ब्रेकेट के लिए 60 फीसदी इनपुट टैक्स क्रेडिट को मंजूरी दे दी, जबकि 40 फीसदी प्रोडक्ट्स टैक्स 18 फीसदी से नीचे रखने का फैसला किया है.
गोदरेज अप्लायंस के बिजनेस हेड कमल नंदी ने के मुताबिक, 'नया टैक्स लागू होने से दामों में 2-3 फीसदी की इजाफा हो सकता है, इस खबर के बाद से ही रिटेल सेल्स में बढ़ोतरी हो रही है.’
ग्रांट थार्टन इंडिया के पार्टनर ने ब्लूमबर्ग क्विंट से कहा कि इंडस्ट्री को जीएसटी की वजह से 90 दिन तक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. जीएसटी को पूरे चैन में अप्लाई होने में समय लगेगा.
अब जीएसटी की नई पॉलिसी आने से पहले कई रिटेलर्स इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स पर भारी डिस्काउंट दे रहे हैं. रिटेलर्स के साथ ही कई ई-कॉमर्स वेबसाइट भी डिस्काउंट दे रहे हैं. अगर आप नया टीवी, फ्रीज या एसी लेने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए ये बिल्कुल सही वक्त है.
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी की नई पॉलिसी आने से पहले रिटेलर्स अपना स्टॉक खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि नई पॉलिसी आने के बाद रिटेलर्स को अपने प्रोडक्ट्स नुकसान के साथ बेचना पड़ सकता है. इस वजह से वो कस्टमर्स को डिस्काउंट दे रहे हैं.
डिस्काउंट देने की वजह जीएसटी है. लोगों को अभी ये पता नहीं है कि जीएसटी की नई पॉलिसी आने के बाद लाभ होगा या घाटा लगेगा. केंद्र सरकार ने कहा है कि सेंट्रल जीएसटी के रूप में वो रिटेलर्स को 40 फीसदी की राहत देगी, जबकि रिटेलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स इसे अधिक करने की मांग कर रहे हैं.
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