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जीएसटी पर अमल कराने वाले अफसर ही इसके फॉर्म में उलझ गए हैं. ये अधिकारी लगातार कारोबारियों को समझा रहे थे कि जीएसटी का फॉर्म भरना बहुत आसान है, लेकिन जब इन्ही अफसरों से फार्म भरने को कहा गया तो नहीं भर पाए. अब तक कारोबारी कह रहे थे कि जीएसटी फॉर्म बहुत मुश्किल है, अब अफसर कह रहे हैं. दरअसल इनडायरेक्ट टैक्स विभाग ने रिएलिटी टेस्ट किया तो जीएसटी की गुगली से उसके अफसर ही बोल्ड हो गए.
जीएसटी के अफसरों की समझ में शायद आ गया कि ज्ञान देना आसान है, पर असली चुनौती है उस पर अमल करना. टैक्स अधिकारियों के रिएलिटी चेक से ये हकीकत सामने आ गई है कि इसे हर कोई नहीं भर सकता. दूसरी परेशानी है कि इसे डिकोड करना भी आसान नहीं है.
जो अधिकारी जीएसटी फॉर्म बनाने में शामिल थे उनसे ही एक्सरसाइज करायी गई
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ अधिकारी ही फॉर्म भर पाए, ज्यादातर को बहुत वक्त लगा
जो अधिकारी देशभर के कारोबारियों को कह रहे थे जीएसटी भरना आसान है वो खुद फंस गए
इनडायरेक्ट टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक जीएसटी भरने का इम्तिहान पूरी गंभीरता से लिया गया. दफ्तर के एक कमरे में कई कम्प्यूटर लगाए गए और अफसरों से जीएसटी भरने को कहा गया.
कुछ अफसर तो परीक्षा पास कर गए. लेकिन ज्यादातर कई कॉलम में फंस गए. इस मुश्किल के बाद अफसरों को समझ आ गया कि कारोबारी बहाने नहीं बना रहे थे.
अफसरों का जीएसटी टेस्ट लेने से पहले सरकार ने गुजरात और हरियाणा के कारोबारियों से फीडबैक लिया था. इसमें कारोबारियों ने खुलकर कहा था कि पूरा फार्म भरने और अपलोड करने में बहुत वक्त लगता है.
कारोबारियों के मुताबिक दो बड़ी परेशानी हैं, एक तो पहले खुद का रिटर्न अपलोड करो. फिर उससे भी बड़ा सिरदर्द ये है कि जिससे माल खरीदा है उसके इनवॉयस का मिलान करो. जब ये दोनों हों जाएं तो फाइनल रिटर्न और टैक्स भरो.
गुजरात सेल्स टैक्स बार एसोसिएशन और ट्रेडर्स ने पिछले हफ्ते अहमदाबाद में सेल्स टैक्स दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करके सेल्स अफसरों का जीएसटी टेस्ट लिया था. कारोबारियों ने दावा किया कि अफसरों को फॉर्म भरने में तीन घंटे लग गए.
अभी तक जीएसटी के बारे में जब जब शिकायत की गई, हर बार सरकार और अधिकारियों ने कहा नया सिस्टम है कुछ दिक्कत तो आएंगी. लेकिन कारोबारियों को लगता है अधिकारियों के अनुभव के बाद अब शायद उनके दुख कुछ कम हो जाएं.
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