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अपना घर खरीदना चाहते हैं? अभी ये 3 चीजें आपके फेवर में हैं

SBI के दर घटाने से दूसरे बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां भी ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं.

क्‍व‍िंट कंज्यूमर डेस्‍क
बिजनेस
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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने होम लोन के लिए ब्याज दरों में 0.25% तक की कटौती कर एक बार फिर प्रॉपर्टी मार्केट में हलचल मचा दी है. इस कटौती के बाद बैंक से 30 लाख रुपये तक का होम लोन आपको 8.35% की ब्याज दर पर मिलेगा.

अगर आपको 30 लाख से ज्यादा का होम लोन चाहिए, तो इसकी ब्याज दर होगी 8.50%. ये दरें होम लोन मार्केट में सबसे कम हैं. एसबीआई के इस कदम के बाद दूसरे बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां भी अपनी ब्याज दरों में थोड़ी कटौती कर सकते हैं.

यहां ये बात याद रखने की है कि एसबीआई फिलहाल देश का सबसे बड़ा होम लोन प्लेयर है. दूसरे नंबर पर है एचडीएफसी जिसकी न्यूनतम ब्याज दर है 8.50% और फिर नंबर आता है आईसीआईसीआई बैंक का, जिससे होम लोन लेने पर आपको न्यूनतम 8.65% का ब्याज देना होगा.

(ग्राफिक्स: रोहित मौर्य/क्विंट हिंदी)

वैसे तो सिर्फ ब्याज दरों के कम होने से प्रॉपर्टी खरीदारी का फैसला नहीं लिया जाता, लेकिन ये भी सच है कि अपना घर लेने का ऐसा अच्छा मौका पिछले 12 सालों में नहीं आया. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि हमारे पास तीन वजहें हैं.

वजह 1- ब्याज दरें हैं निचले स्तर पर

2005 से लेकर अब तक के समय में होम लोन की ब्याज दर इतनी कम कभी नहीं थी. वैसे तो बैंकों की ब्याज दर में मामूली अंतर रहते ही हैं, लेकिन अगर आप इन सालों के औसत ब्याज दर पर नजर डालें तो साफ होगा कि 2017 में होम लोन 12 सालों में सबसे सस्ता मिल रहा है.

साल 2015 के मुकाबले आज ब्याज दरों में 2 प्रतिशत की कमी आई है. एक अनुमान के मुताबिक ब्याज दर में 1 प्रतिशत की कमी का मतलब होता है आपके लिए मकान की कुल कीमत में 5-6% की बचत.
(ग्राफिक्स: रोहित मौर्य/क्विंट हिंदी)
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वजह 2- घरों की कीमतें हुई हैं स्थिर

आज आप किसी भी महानगर में जाइए, आपको आसपास लाखों मकान बनते दिखेंगे. आज के प्रॉपर्टी बाजार की सच्चाई यही है कि सप्लाई ज्यादा है और डिमांड कम. ऐसे में बिल्डर या तो दाम घटा रहे हैं या ऑफर और डिस्काउंट दे रहे हैं.

रिसर्च फर्म प्रॉप इक्विटी का दावा है कि रिसेल मार्केट में तो निवेशक ऊपरी स्तरों से 30 प्रतिशत तक कीमत घटाकर फ्लैट बेच रहे हैं. साथ ही, देश के 8 बड़े शहरों में जनवरी से मार्च के दौरान प्रॉपर्टी की कीमतों में औसतन 1.67% की गिरावट आई है. इनमें नए प्रोजेक्ट लॉन्च 20 प्रतिशत तक कम हुए हैं और बिल्डरों का ज्यादा जोर बिना बिके फ्लैटों को निकालने पर है.

प्रॉप इक्विटी की स्टडी के मुताबिक इन 8 शहरों में अप्रैल अंत तक 4.71 लाख फ्लैट ऐसे थे, जो बिके नहीं थे. वैसे आप जिस शहर में भी रहते हों, आपको अपने चौक-चौराहों पर रियल एस्टेट डेवलपरों के ढेरों साइनबोर्ड दिख जाएंगे, जिनमें शानदार ऑफर और डिस्काउंट के विज्ञापन होंगे.

(ग्राफिक्स: रोहित मौर्य/क्विंट हिंदी)

वजह 3- सस्ते घरों पर सरकारी मदद

पिछले कुछ समय में अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के लिए खास तौर पर सरकार ने कई स्कीमों का ऐलान किया है, जिनके बाद आम लोगों के लिए घर लेना सस्ता हुआ है. हाल ही में सरकार की तरफ से मिलने वाली ब्याज सब्सिडी का दायरा बढ़ाने के बाद तो अब शहरी मिडिल क्लास के लिए भी ढाई लाख रुपये तक की बचत का रास्ता खुला है.

पहले जहां सिर्फ सालाना 6 लाख तक कमाने वालों को होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी मिलती थी, वहीं अब 18 लाख तक कमाने वालों के लिए सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. 12 लाख तक की आय वालों के लिए 9 लाख तक के लोन पर 4% की सब्सिडी है, वहीं 18 लाख तक की कमाई वालों के लिए 12 लाख रुपये तक के लोन पर 3% सब्सिडी मिल रही है.

ऐसे में अगर आप अपने लिए ड्रीम होम की तलाश में हैं तो ये तलाश जल्द ही खत्म होने वाली है.

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Published: 10 May 2017,01:03 PM IST

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