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नोटों के बिना परेशान हैं, तो अपनाएं कैशलेस पेमेंट के बेहतर तरीके

आप काफी हद तक अपनी रोजमर्रा की जिंदगी बगैर कैश के चला सकते हैं. जानें कैसे.

क्‍व‍िंट कंज्यूमर डेस्‍क
बिजनेस
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(फोटोः Twitter)
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सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के पीछे एक तरफ जहां कालेधन पर अंकुश लगाने और नकली नोटों को खत्म करने का मकसद था, वहीं एक मकसद ये भी है कि देश को कैशलेस इकोनॉमी में तब्दील किया जाए.

अभी पूरे तौर पर तो नहीं, लेकिन काफी हद तक आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी बगैर कैश के चला सकते हैं, खास तौर पर शहरी इलाकों में. कैसे होगा ये, आइए देखते हैं.

कैशलेस इकोनॉमी का सबसे आसान तरीका है कार्ड पेमेंट, जो कमोबेश हर शहरी के पास होता ही है. तो आपके पास चाहे डेबिट कार्ड हो या क्रेडिट कार्ड, आपको याद रखना है उसका 4 अंकों का पर्सनल आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी पिन. किसी भी ट्रांजेक्शन के लिए बस अपना कार्ड दीजिए और बिना एक भी नोट के आपका काम हो जाएगा, फिर चाहे वो शॉपिंग हो या रेलवे टिकट की बुकिंग.

कैशलेस होने का दूसरा आसान तरीका है नेट बैंकिंग, यानी इंटरनेट की मदद से की जाने वाली बैंकिंग. इसमें आप घर बैठे अपने बैंक की वेबसाइट पर लॉगइन करके ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. शॉपिंग, टिकट बुकिंग, यूटिलिटी पेमेंट या मनी ट्रांसफर जैसी हर सुविधा आप नेट बैंकिंग के जरिए उठा सकते हैं. हां, हो सकता है कि आपको किसी ट्रांजेक्शन पर मामूली सा चार्ज भी देना पड़े, जिसका पता आपको अपने बैंक से लग जाएगा.

जो लोग अभी तक कार्ड पेमेंट या नेट बैंकिंग से जुड़े नहीं हैं, तो भी परेशान न हों. एक और आसान रास्ता है यूपीआई, यानी यूनिफाइट पेमेंट इंटरफेस. इससे आप ऐप के जरिए अपने मोबाइल फोन पर ही पैसों का लेन-देन कर सकते हैं और अपने बैंक को अपनी पॉकेट में लेकर घूम सकते हैं. देश का कमोबेश हर बैंक इस यूपीआई से जुड़ चुका है और अपने यूपीआई ऐप लॉन्च कर चुका है.

यूपीई से होने वाले ट्रांजेक्शन में आपको बार बार आईएफएससी कोड या कार्ड का ब्‍योरा डालने की जरूरत नहीं पड़ती. एक बार आपने ये जानकारी डाल दीं, तो वो आपके ऐप में सेव हो जाती हैं. फिर आप सिर्फ एक क्लिक पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं, वो भी अपने स्मार्टफोन पर.

(सांकेतिक तस्‍वीर: Reuters)

काफी सुरक्ष‍ित है यूपीआई ट्रांजेक्‍शन

यूपीआई ट्रांजेक्शन काफी सुरक्षित भी होते हैं, क्योंकि हर ट्रांजेक्शन में टू फैक्टर आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल होता है, जिससे आपकी पहचान की पुष्टि एक बार नहीं, बल्कि दो-दो बार की जाती है. साथ ही ये ऐप आपके मोबाइल फोन में होता है, जिसका एक्सेस आपके अलावा शायद ही और किसी को हो, यानी आपके ठगे जाने की गुंजाइश बहुत कम रहती है.

अगर आपको शॉपिंग भी मोबाइल की मदद से ही करनी है, तो आपकी परेशानी का इलाज है ई-वॉलेट. ई-वॉलेट एक तरह का ऑनलाइन प्रीपेड एकाउंट होता है, जहां आप अपनी सहूलियत के हिसाब से पैसे जमा करा सकते हैं और उन जमा पैसों से मनमुताबिक ट्रांजेक्शंस कर सकते हैं. ई-वॉलेट की मदद से आप टैक्सी के किराए से लेकर घर का राशन तक खरीद सकते हैं.

पेटीएम, फ्रीचार्ज, ऑक्सीजन, जियो मनी जैसे ऐसे ढेरों ऐप्स हैं, जिनका इस्तेमाल आप कर सकते है. चूंकि ई-वॉलेट प्रीपेड एकाउंट होते हैं, तो इसमें जोखिम और नुकसान की आशंका भी कम होती है. तो फिर जब तक देश में हर आदमी की जेब में पहले की तरह कैश नहीं पहुंच जाता, आपके लिए कैशलेस होना ही आपकी जिंदगी को आसान बनाने का विकल्प बन सकता है.

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