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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 29 जुलाई को गांधीनगर के पास गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (GIFT City) में भारत के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) को लॉन्च किया.
इस एक्सचेंज पर सोने और चांदी की बिक्री होगी और इसे शंघाई गोल्ड एक्सचेंज और बोरसा इस्तांबुल की तर्ज पर बनाने का लक्ष्य है. आइए इसे डीटेल में जानते हैं.
भारते के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज में बुलियन शब्द का क्या मतलब है? बुलियन का मतलब उच्च प्यूरिटी का सोना या चांदी होता है जो अक्सर बिस्किट आकार, ईंट के आकार या सिक्कों के रूप में होता है. बुलियन को कभी-कभी लीगल टेंडर (जैसा रुपया) भी माना जाता है और इसे अक्सर केंद्रीय बैंक द्वारा रिजर्व के रूप में रखा जाता है.
सोने का आयात जब से भारत में शुरू हुआ तब से ही इसे सीधे तौर पर आयात करने की सुविधा नहीं थी. लेकिन इस गोल्ड एक्सचेंज से सोने का आयात करने वालों को फायदा होगा, वे इसे सीधे आयात कर सकेंगे.
अब तक होता ये था कि कुछ बैंक और केंद्रीय बैंकों की तरफ से मंजूर की गई नॉमिनेटेड एजेंसियो को ही सोने को सीधे आयात करने की मंजूरी है. लेकिन इस बुलियन एक्सचेंज की मदद से क्वालिफाइड ज्वैलर्स सीधे इसका आयात कर सकेंगे. इस पर ट्रेड करने की कोई ड्यूटी यानी चार्जेज भी नहीं लगेंगे. यह छूट तभी मिलेगा जब इसे शहर से बाहर नहीं ले जाया जाता.
IIBX के सीईओ और एमडी अशोक गौतम ने टाइम्स ग्रूप से बातचीत में कहा था कि, "इस एक्सचेंज पर ट्रेडिंग यूएस डॉलर में भी हो सकती है. इसके जरिए हम खुद को एशिया के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्रों में से एक के रूप में स्थापित कर रहे हैं. IIBX पर वॉल्टिंग सेवाओं (गोल्ड को स्टोर करने की सुविधा) का लाभ भी मिलेगा. इसके अलावा, यहां ट्रेडिंग करने पर कोई चार्ज वसूला नहीं जाएगा."
सीईओ के मुताबिक अब तक इस प्लेटफॉर्म से 64 बड़े ज्वैलर्स जुड़ चुके हैं और कई ज्वैलर्स के आवेदन आ रहे हैं.
IIBX का लाभ उठाने वालों में शामिल हैं-
क्वालीफाइड ज्वैलर्स
क्वालीफाइड ज्वैलर बनने के लिए नेट वर्थ कम से कम 25 करोड़ होना तो जरूरी है और भी मानदंडों को पूरा करना होता.
एनआरआई या कोई प्रोपाइटरशिप फर्म
रजिस्टर्ड पार्टनरशिप फर्म
प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
पब्लिक लिमिटेड कंपनी
गिफ्ट-सिटी के IBU की शाखाएं
विदेशी बुलियन सप्लायर जो OECD की गाइडलाइन का पालन करते हैं
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में अप्रैल-जून तिमाही में सोने की मांग सालाना आधार पर 43 फीसदी अधिक रही. WGC की रिपोर्ट में बताया गया कि अप्रैल से जून के दौरान भारत में सोने की मांग 170.7 टन रही जो 2021 की समान अवधि की मांग 119.6 टन से 43 फीसदी अधिक है.
सोने के गहनों की मांग 49 फीसदी बढ़कर 140.3 टन रही. वहीं दूसरी ओर अगर ग्लोबल लेवल पर देखें तो सोने की मांग 8 फीसदी घटी है. 2021 में इसी अवधि में ग्लोबल लेवल पर 1031.8 टन सोने की मांग थी, जो इस बार घटकर 948.4 टन रह गई है.
बता दें कि एमसीएक्स पर 30 जुलाई तक सोना 51,430 रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है.
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Published: 30 Jul 2022,02:21 PM IST