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दुनियाभर में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ गई है और मंदी (Recession) का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि लोगों की आय घट रही है और महंगाई लगातार बढ़ रही है. ये इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने कहा है. इसके अलावा कई बड़ी वित्तीय संस्थाओं ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी घटा दिया है.
आईएमएफ ने कहा है कि अगर दुनियाभर की सरकारें महंगाई को काबू करने में असफल रही तो मंदी का खतरा बढ़ जाएगा. इस बीच कई संस्थाओं ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की वृद्धि दर में कटौती की है-
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.5% से घटा कर 6.5% कर दिया है.
नोमुरा ने भी भारत के ग्रोथ अनुमान को 5.4% से घटा कर 4.7% कर दिया है.
एस एंड पी और ओईसीडी ने ग्रोथ अनुमान को बरकरार रखा है. एस एंड पी का अनुमान 7.3 फीसदी पर है और ओईसीडी का 6.9 फीसदी पर बरकरार है.
मॉर्गन स्टैनली ने ग्रोथ के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटा कर 7 फीसदी कर दिया है.
फिच ने अपने अनुमान में 0.8 फीसदी की कटौती की. फिच के तहत भारत 7.8 फीसदी की दर की बजीय अब 7 फीसदी की दर से वृद्धि करेगा.
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अनुमान में कटौती की है और अनुमान को 7.2 फीसदी से घटा कर 7 फीसदी कर दिया है.
वहीं एडीबी ने भी 7.2 फीसदी से घटा कर भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा कर 7 फीसदी कर दिया है.
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