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I-T रिटर्न भरने की आखिरी तारीख आज, फॉर्म में गलतियों से कैसे बचें?

IT रिटर्न भरने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है, जानिए यहां

धीरज कुमार अग्रवाल
बिजनेस
Updated:
आईटी रिटर्न भरने में देर करना जेब पर काफी भारी पड़ने वाला है.
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आईटी रिटर्न भरने में देर करना जेब पर काफी भारी पड़ने वाला है.
(फोटो: Pixabay)

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इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 अगस्‍त ही है. ऐसे में अगर आपने अभी तक रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो अब देर न करें, क्योंकि इस बार से आईटी रिटर्न भरने में देर करना जेब पर काफी भारी पड़ने वाला है.

अगर 31 अगस्‍त तक रिटर्न फाइल नहीं किया गया, तो करदाता को 5,000 रुपए तक जुर्माना देना पड़ेगा. और अगर ये काम 31 दिसंबर तक नहीं किया, तो फिर जुर्माने की राशि बढ़कर हो जाएगी 10,000 रुपए.

हालांकि अगर किसी की कुल सालाना आय 5 लाख रुपए से कम है, तो उसे अधिकतम 1,000 रुपए का जुर्माना देना होगा. ये याद रखें कि हर उस करदाता के लिए आईटी रिटर्न भरना जरूरी है, जिसकी सालाना आय 2.5 लाख रुपए से ज्यादा है.

IT रिटर्न भरने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है

वित्त वर्ष 2017-18 यानी एसेसमेंट ईयर 2018-19 का आईटी रिटर्न भरने की शुरुआत करें, उसके पहले ये सुनिश्चित कर लें कि आपके पास सारी जरूरी जानकारी और दस्तावेज मौजूद हैं. जिन जानकारी की आपको जरूरत पड़ेगी, वो इस प्रकार हैं:

इनकम टैक्स रिटर्न भरने में अब ज्यादा देरी न करें,(फोटो: Pixabay)
  1. परमानेंट अकाउंट नंबर यानी PAN: आपके टैक्स से जुड़ी सारी जानकारी के लिए पैन सबसे जरूरी दस्तावेज है. जब आप इनकम टैक्स विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाते हैं, तो आपका यूजर आईडी यही पैन होता है.
  2. आधार: आईटी रिटर्न फाइलिंग को आसान करने के लिए आधार नंबर अब अनिवार्य बन चुका है. अगर आधार नंबर नहीं है, तो फिर आधार एनरॉलमेंट आईडी भरने की जरूरत होगी. अगर आपका आधार आपके मोबाइल नंबर और पैन से लिंक्ड है, तो फिर आप अपने आईटी रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन भी आसानी से कर सकेंगे.
  3. बैंक अकाउंट स्टेटमेंट: आपको अपने आईटी रिटर्न में सारे सेविंग्स बैंक अकाउंट का ब्‍योरा देना होता है, जो एक्टिव हैं. साथ ही, आपको सेविंग्स अकाउंट पर मिले ब्याज का जिक्र भी अपने आईटी रिटर्न में करना होता है. याद रखें कि सेविंग्स अकाउंट पर मिला ब्याज 10,000 रुपए तक कर मुक्त है.
  4. फॉर्म 16: अगर आप नौकरीपेशा हैं, तो आपको अपने एंप्लॉयर से फॉर्म 16 जरूर मिला होगा. इसमें पिछले वित्त वर्ष की आपकी सैलरी, काटे गए टैक्स, एक्जेंप्शंस और डिडक्शंस का ब्‍योरा होता है. अगर आपने वित्त वर्ष के दौरान नौकरी बदली है, तो फिर ध्यान रखें कि आपको अपने दोनों एंप्लॉयर्स से फॉर्म 16 लेने होंगे.
  5. फॉर्म 16 ए: सैलरी के अलावा अगर किसी और स्रोत से इनकम होती है और उस पर टीडीएस कटता है, तो उसका ब्‍योरा आपको फॉर्म 16 ए में मिलता है. इस फॉर्म की जरूरत फ्रीलांसरों और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लोगों को होती है. बैंक भी ब्याज पर टैक्स काटते हैं तो फॉर्म 16 ए जारी करते हैं.
  6. फॉर्म 26 एएस- इस फॉर्म को इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है. इसमें उन सभी टैक्स भुगतान का ब्‍योरा होता है, जो या तो आपने दिए हैं या आपकी इनकम पर किसी कंपनी या संस्थान ने काटकर चुकाए हैं. फॉर्म 26 एएस की मदद से आप इस बात का पता कर सकते हैं कि आपकी तरफ से कितने टैक्स का भुगतान किया जा चुका है.
  7. निवेश के दस्तावेज: इनमें शामिल होते हैं उन निवेश के दस्तावेज, जिन पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. जैसे- लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, होम लोन या एजुकेशन लोन रिपेमेंट, टैक्स सेविंग एफडी वगैरह. इनकी जरूरत सिर्फ इसलिए है ताकि आप ये पक्का कर सकें कि आईटी रिटर्न भरते वक्त आपको सारे टैक्स एक्जेंप्शंस का फायदा मिले.
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IT रिटर्न भरते वक्त इन भूलों से बचें

अगर 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल नहीं किया गया तो करदाता को जुर्माना देना पड़ेगा(फोटो: Pixabay)

अब आपने आईटी रिटर्न भरने की पूरी तैयारी कर ली है. अब बस आपको तीन और बातों का ध्यान रखना है ताकि आपका आईटी रिटर्न न तो रिजेक्ट हो, न ही आपको दोबारा इसे भरने की जरूरत पड़े.

  1. गलत आईटीआर फॉर्म न चुनें: इनकम टैक्स विभाग अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स के लिए अलग-अलग आईटी रिटर्न फॉर्म जारी करता है. आप आईटीआर फॉर्म चुनने के पहले ये पक्का कर लें कि आप सही कैटेगरी का फॉर्म चुन रहे हैं. अगर आपने गलत आईटीआर फॉर्म में रिटर्न फाइल किया, तो विभाग उसे अमान्य कर सकता है और आपको दोबारा रिटर्न फाइल करना पड़ेगा.
  2. ई-रिटर्न की जगह फिजिकल रिटर्न न भरें: वैसे तो आईटीआर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से भरे जा सकते हैं, लेकिन जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपए से ज्यादा है, उनके लिए ऑनलाइन रिटर्न या ई-रिटर्न भरना अनिवार्य है. सिर्फ बुजुर्गों के लिए ये छूट दी गई है कि उनकी आय कितनी भी हो, वो फिजिकल रिटर्न भर सकते हैं.
  3. आईटी रिटर्न को वेरिफाई करना न भूलें: अक्सर लोग अपना आईटी रिटर्न फाइल तो कर देते हैं, लेकिन उसे वेरिफाई करना भूल जाते हैं. लेकिन याद रखें कि वेरिफिकेशन के बिना आईटी रिटर्न भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं मानी जाती है. इसलिए रिटर्न फाइल करने के बाद वेरिफिकेशन जरूर करें. इसके लिए या तो आप ई-वेरिफिकेशन का सहारा लें या फिर आईटीआर-वी की कॉपी पर दस्तखत कर उसे सीपीसी, बेंगलुरु भेज दें.

बस, इन बातों का खयाल रखें और तुरंत अपना आईटीआर भरने की तैयारी कर लें. इसके लिए आप इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट की मदद ले सकते हैं या अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की या फिर उन ऐप या वेबसाइट की, जो आपका आईटीआर फाइल करने की सर्विस मुफ्त देती हैं.

(धीरज कुमार अग्रवाल जाने-माने जर्नलिस्‍ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है)

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(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 17 Jul 2018,05:37 PM IST

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