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''धीमे वैक्सीनेशन का असर जीडीपी पर'', इंडिया रेटिंग्स ने घटाया ग्रोथ अनुमान

India Ratings ने भारत के लिए वित्त वर्ष 21-22 के GDP ग्रोथ रेट अनुमान को 9.6 % से घटाकर 9.4 % कर दिया है

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India Ratings ने घटाया विकास दर का अनुमान

(फोटो: अरूप मिश्रा/क्विंट)

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19 अगस्त को इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने भारत के लिए वित्त वर्ष 21-22 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर के अनुमान को 9.6 प्रतिशत से घटाकर 9.4 प्रतिशत कर दिया. इसका कारण बताते हुए कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में दूसरी कोविड -19 लहर के बाद एक मजबूत रिकवरी तो हुई है, लेकिन साल के अंत तक पूरी वयस्क आबादी को वैक्सीनेटेड करने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पायेगा.

इंडिया रेटिंग्स के प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट सुनील कुमार सिन्हा ने 19 अगस्त को कहा कि "वैक्सीनेशन की स्पीड को देखते हुए अब यह लगभग तय है कि भारत 31 दिसंबर, 2021 तक अपनी पूरी वयस्क आबादी को वैक्सीन नहीं दे पायेगा."

अर्थव्यवस्था की रिकवरी वैक्सीनेशन की प्रगति पर निर्भर करेगी

जून में अपने पिछले पूर्वानुमान में, इंडिया रेटिंग्स एजेंसी ने कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था की रिकवरी वैक्सीनेशन ड्राइव की प्रगति पर निर्भर करेगी.

"अगर भारत 31 दिसंबर 2021 तक अपनी पूरी वयस्क आबादी को वैक्सीनेट करने में सक्षम है तो 2021-22 में जीडीपी की वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत आने की उम्मीद है, अन्यथा यह 9.1 प्रतिशत तक फिसल सकती है"
इंडिया रेटिंग्स का जून में पूर्वानुमान

लेकिन अब एजेंसी के अनुमान से पता चलता है कि वर्ष के अंत तक 88 प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को वैक्सीनेट करने के साथ-साथ 31 मार्च, 2021 तक बाकी बचे लोगों को वैक्सीन के सिंगल डोज देने के लिए 18 अगस्त, 2021 से हर दिन 52 लाख डोज वैक्सीन लगाना होगा.

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चुकीं उपलब्ध वैक्सीन की मात्रा कम होने के कारण यह लगभग असंभव है, सुनील कुमार सिन्हा ने कहा

"इसके मुताबिक हमने वित्त वर्ष 21-22 के लिए अपनी जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित कर 9.4 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि दूसरी लहर के धीमे होने के साथ, कई हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर उम्मीद से अधिक तेजी से रिबाउंड दिखा रहे हैं, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में सुधार के साथ खरीफ की बुवाई में एक महत्वपूर्ण पिक-अप का संकेत दिखा है और निर्यात की मात्रा और वृद्धि में भी आश्चर्यजनक बदलाव दिखा है."

इसके साथ-साथ इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) की वृद्धि, लगातार तीन तिमाहियों के अंतराल के बाद, जनवरी-मार्च तिमाही में सकारात्मक हो गई और उम्मीद है कि यह गति बनाए रखेगी.

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