advertisement
कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन और बंद पड़ी अर्थव्यवस्था का असर अब नौकरियों पर खुलकर दिखने लगा है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) के मुताबिक भारत में बेरोजगारी दर बीते हफ्ते में बढ़कर 27.1% हो गई है. भारत में देशव्यापी लॉकडाउन जारी है और सिर्फ अप्रैल महीने में 1 करोड़ 21 लाख लोगों ने अपनी नौकरी गंवा दी है.
अभी भारत में जो लॉकडाउन चल रहा है, वो पूरी दुनिया में सबसे सख्त लॉकडाउन है. इसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. पिछले हफ्ते में भारत की बेरोजगारी दर 27.1% रही है. इसके 26 अप्रैल को खत्म होने वाले हफ्ते में बेरोजगारी दर में खासी गिरावट देखने को मिली थी और दर 21.5% पर आ गई थी. लेकिन नए डेटा से साफ है कि फिर से बेरोजगारी बढ़ रही है. 3 मई को खत्म होने वाले हफ्ते में ग्रामीण और शहरी दोनों तरह की बेरोजगारी बढ़ी है. शहरी बेरोजगारी में करीब 8 परसेंटेज पॉइंट की बढ़ोतरी हुई है तो वहीं ग्रामीण बेरोजगारी दर 20.88% से बढ़कर 26.16% हो गई है.
CMIE के प्रमुख महेश व्यास ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया-
कोरोना वायरस की त्रासदी भारत में ऐसे वक्त आई है जब भारतीय इकनॉमी पहले से ही लड़खड़ा रही थी. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते करीब डेढ़ महीने पूरे देश में लॉकडाउन है. अर्थव्यवस्था के पहिए थम गए हैं. ज्यादातर बाजार, ट्रांसपोर्ट सब बंद है. इस वजह से देश में भयानक नौकरियों का संकट खड़ा हो गया है.
कई सारी रेटिंग एजेंसियों ने भारत की ग्रोथ रेटिंग घटा दी है. इतिहास में पहली बार किसी रेटिंग एजेंसी ने भारत की ग्रोथ रेट जीरो होने का अनुमान लगाया है. फाइनेंशियल सर्विंसेज देने वाली कंपनी बारक्लेज ने भारत की कैलैंडर ईयर 2020 के लिए जीडीपी अनुमान घटाकर जीरो कर दिया है.
मतलब एजेंसी के अनुमान के मुताबिक उसे भारत की इकनॉमी की कोई ग्रोथ नहीं नहीं दिख रही है. इसके पहले बारक्लेज ने 2.5 परसेंट ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था. वहीं इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड ने भी दुनिया में कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में आर्थिक मंदी का पूर्वानुमान लगाया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)