Home Business डरावनी है आंकड़ों की तस्वीर, देखते ही देखते लुट गए निवेशक
डरावनी है आंकड़ों की तस्वीर, देखते ही देखते लुट गए निवेशक
रुपए को मजबूत करने का कोई तरीका अभी भी सरकार ने निकाला नहीं है.
अरुण पांडेय
बिजनेस
Updated:
i
1 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच सेंसेक्स करीब 4000 प्वाइंट गिरा
(फोटो: Pixabay)
✕
advertisement
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को दोपहर 3 बजे जो बोला, उसके 40 मिनट के अंदर तेल कंपनियों के निवेशकों के 1.4 लाख करोड़ छूमंतर हो गए. उसके बाद शुक्रवार करीब-करीब उसी समय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि रेपो रेट अभी नहीं बढ़ाएंगे. नतीजा रुपया रूठा और शेयर बाजार के निवेशकों के करीब 3 लाख करोड़ साफ हो गए. अब सोमवार पर नजरें टिक गई हैं.
इन दिनों इकनॉमी के आंकड़े हॉरर फिल्मों की तरह डरा रहे हैं. निवेशकों की नजरों के सामने उनकी रकम स्वाहा हो रही है और वो कुछ करने की हालत में नहीं हैं.
लेकिन इससे भी ज्यादा खतरनाक तस्वीर पूरे शेयर बाजार की है, जहां हर रोज कुछ कांड हो रहा है. जरा दिल थामकर आंकड़ों पर गौर फरमाएं, तो पाएंगे कि अगले कुछ दिनों तक खतरा ही खतरा है:
1 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच सेंसेक्स करीब 4000 प्वाइंट गिरा
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल में 1 रुपए लीटर का बोझ उठाने को कहा, तो गुरुवार और शुक्रवार 2 दिन में 40 मिनट में ऑयल कंपनियों के 1.4 लाख करोड़ रुपए साफ
2 दिन में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर 40 परसेंट तक गिरे
पेट्रोल-डीजल के दाम 1.5 लीटर घटाने से केंद्र सरकार को सालभर में 10,500 करोड़ रुपए की एक्साइज का नुकसान
इंडियन ऑयल, बीपीसीएल, एचपीसीएल की सालभर में 9000 करोड़ की कमाई साफ
पेट्रोल-डीजल सस्ता करने से राज्य सरकारों का करीब 30,000 करोड़ रुपए टैक्स घटेगा
रुपया कहां तक गिरेगा, मालूम नहीं. रुपया 2018 में करीब 15 फीसदी गिर चुका है, जबकि एक साल के दरम्यान (1 सितंबर, 2017 से 30 सितंबर 2018) इसमें करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है.
सितंबर 2017 में 224 रुपए का इंडियन ऑयल का शेयर अब आधा होकर सिर्फ 118 रुपए पर
क्रूड 2014 में $108 बैरल से घटकर 2016 में 30 डॉलर तक आ गया. इससे सरकार को 3 साल में करीब 7 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ.
छोटे और मझोले शेयरों के निवेशक में ज्यादातर की वैल्यू आधे से भी कम हुई
सितंबर में बीएसई कंपनियों की मार्केट कैप 14 लाख करोड़ रुपए साफ
अक्टूबर के दो ट्रेडिंग सत्र में करीब 8 लाख करोड़ रुपए मार्केट कैप साफ
रिलायंस इंडस्ट्रीज की मार्केट कैप 1.21 लाख करोड़ रुपए साफ
इंडियाबुल्स वेंचर, यस बैंक पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, एडेलवाइस फाइनेंशियल सर्विस, आईआईएफएल होल्डिंग बैंक ऑफ बड़ौदा, बंधन बैंक वगैरह के शेयर 30 से 45 फीसदी गिरे
आईएलएफएस की वजह से गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए के मुताबिक, अभी खतरा टला नहीं है. रुपए को मजबूत करने का कोई तरीका अभी भी सरकार ने निकाला नहीं है. वित्तीय संस्थानों, खास तौर पर सरकारी बैंकों पर भरोसा बढ़ाने वाला कदम अभी भी उठाया नहीं गया है.
पहले भी भारत के शेयर बाजार गिरे हैं, पर पहले वजह ग्लोबल इकनॉमी हुआ करती थी, लेकिन अब घरेलू संकट. पेट्रोल-डीजल के दामों में एक रुपए लीटर का बोझ तेल कंपनियों के मत्थे मढ़कर सरकार ने आर्थिक सुधारों पर भरोसा बढ़ाने की बजाए कम ही किया है. इसे कंगाली में आटा गीला ही कहेंगे कि ऐसे मौके पर जब चुनाव का मौसम शुरू हो गया है, तो अगले 6 महीने शेयर बाजार के लिए तनाव भरे ही रहेंगे.