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भारत की जीडीपी को लेकर मामूली राहत की खबर आई है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की जीडीपी 4.7 फीसदी हो गई है. इसमें दूसरी तिमाही के मुकाबले मामूली बढ़त दर्ज की गई है. इससे पहले दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी 4.5 फीसदी दर्ज की गई थी जो साढ़े छह सालों के सबसे निचले स्तर पर आ गई थी.
मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिस्टिक एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी जीडीपी वृद्धि दर पिछली तिमाही से बढ़कर 4.7 फीसदी हो गई.
लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोनोवायरस के चलते ग्लोबल ग्रोथ रेट में कमी आ सकती है. जिसका असर चालू तिमाही में भी देखने को मिलेगा , इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी, गोल्डमैन सैक्स ने मार्च तिमाही के लिए 5.4% के ग्रोथ रेट घटाकर 4.9% तक कर दिया था.
सरकार का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के खत्म होने तक आर्थिक विकास दर 5% होगी, जो 11 साल के लिए सबसे कम होगी, साल 2018-19 में आर्थिक विकास दर 6.1% थी.
इसके अलावा आज कोर इंडस्ट्री के आंकड़े भी आए हैं जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर आउटफिट में 2.2 फीसदी बढ़त दर्ज की गई है.
इंफ्रास्ट्रक्चर आउटफिट में 8 कोर इंडस्ट्री आती हैं जिसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली शामिल हैं. ये देश की औद्योगिक उत्पादन का लगभग 40% हिस्सा है.
आज जारी एक और आंकड़ों में पिछले 10 महीनों में भारत का फिसिकल डेफिसिट 9.85 लाख करोड़ दर्ज किया गया है. ये मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रिवाइज्ड बजट टारगेट का 128.5% है.
इस महीने की शुरुआत में, भारत सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए फिसिकल डेफिसिट के लक्ष्य को 3.3% से बढ़ा कर 3.8% कर दिया था. जिसके पीछे का कारण था कमजोर रेवेन्यू कलेक्शन.
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