Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Business Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019संकेत साफ हैं- जॉब ऑफर आने वाले हैं, सैलरी भी बढ़ने वाली है

संकेत साफ हैं- जॉब ऑफर आने वाले हैं, सैलरी भी बढ़ने वाली है

दो खबरें, जो वाकई भारत की अर्थव्यवस्था की अच्छी स्थिति के बारे में तथ्य पेश कर रही हैं

नवनीत गौतम
बिजनेस
Updated:
IIT खड़गपुर के वात्सल्य सिंह चौहान का चयन1.02 करोड़ के सालान पैकेज वाली माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी के लिए हुआ है.  (फोटो: iStock)
i
IIT खड़गपुर के वात्सल्य सिंह चौहान का चयन1.02 करोड़ के सालान पैकेज वाली माइक्रोसॉफ्ट की नौकरी के लिए हुआ है.  (फोटो: iStock)
null

advertisement

इस बार दिवाली पर बाजार कस्टमर्स से पूरी तरह गुलजार थे. धनतेरस पर सोने की बिक्री 35 पर्सेंट तक बढ़ी (कीमत में पिछले साल के मुकाबले 16% की बढ़ोतरी के बावजूद). यह हाल सिर्फ गोल्ड का ही नहीं, बल्कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स सहित लगभग सभी बड़े सेक्टर्स में यही हाल था.

शुरुआत में लग रहा था कि वेतन आयोग के बूस्ट की वजह से मार्केट का यह सेंटिमेंट है, जो ज्यादा लंबा नहीं चलेगा. लेकिन अब जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वह यह संकेत देने के लिए काफी हैं कि देश की आर्थिक स्थिति वाकई बेहतर होने वाली है.

दो खबरें आपका दिल खुश कर देंगी

  • ग्लोबल परफॉर्मेंस मैनेजमेंट कंपनी नील्सन ने अपने सर्वे में कहा है कि पूरी दुनिया में भारत ही अकेला ऐसा देश है, जहां के लोग जॉब प्रॉस्पेक्ट्स, पर्सनल फाइनेंस और इमिडिएट स्पेंडिंग को लेकर सबसे ज्यादा आश्वस्त हैं. इसके लिए नील्सन ने सर्वे के अलावा कई तथ्य भी पेश किए हैं, जिन पर हम आगे बात करेंगे.
  • इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर की मानें तो आईआईटी में प्री-प्लेसमेंट ऑफर्स (पीपीओ) ने नया रेकॉर्ड बनाया है, जॉब सेक्टर के लिए यह खबर सबसे ज्यादा राहत देने वाली है. इसके पीछे भी जो तथ्य दिए गए हैं, उन पर भी बात करेंगे.

जॉब को लेकर आश्‍वस्‍त हैं भारतीय

अगर जॉब की संभावनाओं, पर्सनल फाइनेंस और तत्काल खर्च को लेकर इरादे की बात हो, तो भारतीय इस मामले सबसे आगे हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ये बात नील्सन के सर्वे में निकलकर सामने आई है. सर्वे की मानें, तो 2016 के तीसरे क्वॉर्टर में भारत की स्थिति काफी बेहतर हुई है.

  • भारत के लिए 2016 के तीसरे क्वॉर्टर का कंज्‍यूमर कॉन्फिडेंस इन्डेक्स स्कोर पिछली तिमाही के मुकाबले पांच अंक ऊपर गया है, जहां पिछली तिमाही में यह 128 पर था, वहीं इस बार 133 अंक हासिल किए हैं.
  • सर्वे 63 देशों में किया गया, जिनमें इस लिस्ट में फिलिपीन्स के 132 अंक हैं और इंडोनेशिया के 122 .
  • यह स्कोर भारत के लिए किसी भी तिमाही में अब तक का सबसे ज्यादा माना जा रहा है
  • वहीं भारत के बेहतर परफॉर्मेंस के लिए कारण भी बताए गए हैं, जिनमें अच्छा मॉनसून (देर से ही सही), नियंत्रित मुद्रास्फीति, पॉजिटिव आर्थिक स्थिति और त्योहार के माहौल को सबसे बड़ा कारण माना गया है.
  • सर्वे में 68 पर्सेंट लोगों ने कहा कि कुछ भी सामान खारीदने के लिए यह सही समय है. 66 पर्सेंट लोग सेविंग के पक्ष में हैं, 56 पर्सेंट घूमने के, 52 पर्सेंट नई तकनीक खरीदने के पक्ष में हैं. इसके अलावा काफी लोग नए कपड़े खरीदने के लिए इसे परफेक्ट टाइम मानते हैं.
संकेत साफ हैं. इतनी लंबी-चौड़ी प्लानिंग तभी संभव है, जब लोगों को अपनी नौकरी खोने की चिंता की जगह तरक्की और सैलरी बढ़ने की संभावनाएं दिखती हों. 

अब बात करते हैं जॉब की संभावनाओं की

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (आईआईटी) ने इस साल प्री प्लेसमेंट ऑफर्स (पीपीओ) के मामले में बड़ा रेकॉर्ड बनाया है. इस बार कंपनिया अपने पुराने इंटर्नशिप वाले तरीके से ही हायरिंग करना चाहती हैं. पीपीओ के अच्छे होने की वजह से यह बात भी काफी हद तक कही जा सकती है कि आने वाला रिक्रूटमेंट सीजन काफी शानदार रहने वाला है.

  • देश की सभी आईआईटी में इस बार 33 पर्सेंट ज्यादा प्री प्लेसमेंट ऑफर्स मिले हैं. होनहार स्टूडेंट उनके हाथ से छूट न जाएं, इसके लिए कंपनियां पहले ही उन्हें ऑफर्स दे रही हैं.
  • भारत में एंप्लॉयमेंट मार्केट पर ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन का असर नहीं पड़ा. ऐसे में 60 पर्सेंट से ज्यादा कंपनियां अगले साल कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं.
  • कई बड़ी कंपनियां उन आईआईटी में भी जा रही हैं, जहां वे पहले कभी नहीं गई थी. साथ ही कई बड़ी कंपनियां पहली बार प्री प्लेंसमेंट ऑफर्स दे रही हैं.

ये सब इस बात के संकेत हैं कि गवर्नमेंट सेक्टर में जहां 7वें वेतन आयोग के बाद काफी बूम था, वहीं प्राइवेट सेक्टर भी हल्का नहीं है. देश पर ग्लोबल स्लोडाउन का असर न होना, जॉब सिक्‍योरिटी को लेकर भारत के लोगों का सबसे ज्यादा आश्वस्त होना और नई जॉब्स की संभावनाएं निकलकर आना, ये सब इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि अच्छे दिन आ सकते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Nov 2016,06:47 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT