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आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न Income Tax Return (ITR) दाखिले करने की समय सीमा 30 सितंबर कर दी है. कर दाताओं को वित्त वर्ष 2019-20 (AY 2020-21) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करनी होगी.
लेकिन कुछ बातों का आपको ध्यान रखना चाहिए. उनमें से एक है Tax Deduction at source (TDS).अक्सर लोगों की शिकायत रहती है कि उनकी सैलरी टैक्सेबल नहीं है फिर भी उनका TDS कट गया, या जितनी टैक्सेबल सैलरी है उससे ज्यादा TDS कट गया. अब वो इसे वापस कैसे पाएं.
ऐसी स्थिती में कर दाता टैक्स रिफंड का दावा कर सकता हैं. सत्यापन के बाद, आईटी विभाग आपके रिफड की प्रक्रिया करता है. रिफंड को इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है. ऐसे में आपके बैंक अकाउंट का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड में अपडेट रहना यानी प्री वैलिडेटेड (pre-validate) होना जरूरी है. यह बेहद आसान है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपको ऑनलाइन प्री वैलिडेशन pre-validate की सुविधा देता है.
ऐसा करने पर अगर आपके पैन नंबर में मौजूद आपका नाम बैंक अकाउंट में मौजूद नाम से टैली करता है तब आपका बैंक अकाउंट प्री वैलिडेट हो जाता है.
अगर आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा मोबाइल नबंर और ईमेल आईडी इनकम टैक्स रिटर्न की वेबसाइट के रिकॉर्ड में मौजूद ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर से मैच कर जाता है तो ऐसे अकाउंट का इस्तेमाल रिटर्न वेरिफाई करने के लिए ईवीसी जनरेट करने में मदद मिलती है.
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