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सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक बढ़ा हुआ वेतन देश के एक करोड़ से ज्यादा लोगों के खाते में अगले महीने से आएगा. यही नहीं, हो सकता है कि सरकार एरियर की पहली किस्त भी सितंबर में ही जारी कर दे.
जाहिर है कि इन एक करोड़ लोगों- जिनमें करीब 48 लाख कर्मचारी और करीब 55 लाख पेंशनभोगी हैं, के हाथ में अगले महीने एक मोटी रकम आने वाली है. स्वाभाविक तौर पर जब रकम आएगी, तो उसे खर्च करने की इच्छा भी आएगी.
आंकड़ों के मुताबिक, जब भी सरकारी कर्मचारियों के लिए नए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुई हैं, अर्थव्यवस्था में कंज्यूमर डिमांड में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है. देखा गया है कि लोग बढ़ी हुई सैलरी या एरियर की रकम का खर्च घर, ऑटोमोबाइल, कपड़ों, जूतों और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर करते हैं.
सबसे पहले आप अपने पास आ रही अतिरिक्त रकम को खर्च करने की पूरी प्लानिंग करें. हो सकता है कि आप कुछ महीनों से कई बड़ी खरीदारी करने का मन बना रहे हों, लेकिन पैसे की कमी की वजह से वो पूरी नहीं हो पाई हों. तो अब आपके पास वो मौका आया है कि आप अपने मन की चीजें खरीद पाएंगे. फिर भी जरूरी है कि आप अपनी प्राथमिकताएं तय करें और गलत फैसले लेने से बचें.
आपको देखना होगा कि आपकी बढ़ी हुई रकम का कितना हिस्सा टैक्स में जाएगा, क्योंकि अगर आपने पूरी रकम बिना सोचे-समझे खर्च कर दी, तो फिर टैक्स का बोझ आपके बजट को गड़बड़ा सकता है. इसलिए बेहतर है कि एरियर की रकम पर टैक्स देनदारी जरूर निकाल लें. नए खर्च बढ़ाने के पहले देख लें कि क्या कोई ऐसा खर्च है जो गैर-जरूरी है या कहीं कुछ बचत की गुंजाइश है. अगर कोई पुराना कर्ज है, तो क्या उसे चुकाया जा सकता है, यह भी देखें. पूरा पैसा खर्च ना हो, बल्कि निवेश भी किया जाए, इसका ध्यान तो रखना ही होगा.
हम आपको एक आसान नुस्खा बताते हैं, जिसका फायदा हर आय वर्ग के लोग उठा सकते हैं. आपकी सैलरी में जितनी बढ़ोतरी हुई है, उसे आप दो बराबर हिस्से में बांट लें. एक हिस्से को आप अपने निवेश और इंश्योरेंस योजनाओं पर खर्च करें और बचा हुआ दूसरा हिस्सा आप अपनी नई जरूरतें पूरी करने में खर्च करें. जब आप ऐसा करेंगे, तो आप न सिर्फ स्मार्ट शॉपर होंगे, बल्कि स्मार्ट इन्वेस्टर भी बन जाएंगे.
नया टीवी लेना है या फिर नया फ्रिज, या फिर आप स्मार्टफोन बदलना चाहते हैं या किंडल में आपकी दिलचस्पी है, फेस्टिव सीजन इन चीजों की शॉपिंग के लिए बिलकुल सही समय होता है. इन दिनों तो कंपनियां एक से बढ़कर एक डिस्काउंट, पेमेंट स्कीम और एक्सचेंज ऑफर लेकर आई हैं. कंपनियों की स्कीमों के अलावा आपको इस फेस्टिव सीजन के दौरान रिटेलर्स और ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों के आकर्षक ऑफर भी मिल सकते हैं. तो फिर चाहे आप सैमसंग के प्रोडक्ट पसंद कर रहे हों या एलजी के या फिर वोल्टाज, पैनासोनिक या एप्पल के, स्कीमों की तुलना कीजिए, अपनी जरूरत का आकलन कीजिए और खुद को सैलरी बढ़ने के जश्न में शामिल कर लीजिए.
अगर आप अपनी पहली कार खरीदने जा रहे हैं, तो आपके पास ढेरों विकल्प हैं- आप ह्युंदई की इयॉन या आईटेन, मारुति सुजुकी की ऑल्टो या स्विफ्ट, होंडा की ब्रियो या जैज जैसी कोई भी कार ले सकते हैं.
इसके अलावा आपको मोटर इंश्योरेंस, ईंधन और कार के रख-रखाव पर भी खर्च करना होगा, तो इसका हिसाब जरूर लगा लें.
एकमुश्त रकम मिली है, तो हो सकता है कि आप अपने घर का सपना पूरा करना चाहें. वैसे तो मौजूदा समय घर खरीदने के लिए सबसे उपयुक्त है, फिर भी हमारी सलाह होगी कि आप ये फैसला लेने में हड़बड़ी न दिखाएं. जिस इलाके में आप घर लेने का मन बना रहे हैं, उसकी भली-भांति जांच-पड़ताल कर लें, प्रॉपर्टी का जायजा लेकर उसका सारा ब्योरा इकट्ठा कर लें और होम लोन के बारे में जानकारी जुटा लें.
इसके लिए 3 से 6 महीने का समय आप जरूर लीजिए. 6 महीने में आपको बकाया सैलरी की दूसरी किस्त भी मिलने की संभावना है और तब आप नए घर के डाउन पेमेंट और दूसरे खर्चों के लिए जरूरी रकम आसानी से जुटा लेंगे.
और हां, यह हिसाब जरूर लगा लें होम लोन की ईएमआई के बाद आपके महीने का खर्च कितना बढ़ने वाला है. अंत में हम इतना कहना चाहेंगे कि बढ़ी हुई सैलरी का जश्न मनाएं, खूब घूमें-फिरें, खूब शॉपिंग करें और अपने जीवन स्तर को बेहतर बनाएं लेकिन सोच-समझकर.
अगर आप स्मार्टली खर्च करेंगे तो महीने के अंत में ये सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि आखिर बढ़ी सैलरी चली कहां गई. आखिर हैप्पी स्पेंडिंग के साथ हैप्पी इन्वेस्टिंग भी तो जरूरी है.
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