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क्या आप लाइन में लगते-लगते थक चुके हैं, या पास की दुकान से 2000 के खुल्ले न होने के चक्कर में सामान नहीं खरीद पा रहे हैं. तब जरूरत है कि आप कैशलैस ट्रांजेक्शन की तरफ कदम बढ़ाना चाहिए.
केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर को किए गए डिमॉनेटाइजेशन के बाद से ही देशभर में अॉनलाइन ट्रांजेक्शन, खासकर मोबाइल वॉलेट के उपयोग की आदत बढ़ती जा रही है.
पेटीएम, फ्रीचार्ज, मोबीविक, सिट्रस पे और अॉक्सीजन जैसे मोबाइल वॉलेट इस समय सबसे ज्यादा प्रचलन में हैं. कुछ बैंकों ने खुद के मोबाइल वॉलेट भी चालू किए हैं, ताकि बैंकों के सेविंग अकाउंट से पैसा दूसरे वॉलेट्स में ट्रांसफर न हो.
रिजर्व बैंक अॉफ इंडिया की शर्तों के अनुसार एक व्यक्ति अपने मोबाइल वॉलेट में बिना के वाय सी (नो योर कस्टमर) की जानकारी दिए दस हजार रुपये तक रख सकता था. लेकिन डिमॉनेटाइजेशन के बाद यह लिमिट बीस हजार कर दी गई है.
के वाय सी की जानकारी देकर एक व्यक्ति एक लाख रुपये तक रख सकता है. फिलहाल केवल पेटीएम ही एक लाख रुपये रखने की सुविधा देता है.
पहले से बैंक नॉन कैश पेमेंट के तौर पर चेक और डीडी के जरिए ट्रांसजेक्शन करते रहे हैं.
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्रानिक्स फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) जैसे इंटरफेस के जरिए होने वाली इंटरनेट बैंकिंग कुछ समय से काफी प्रचलन में है.
वहीं इमेडिएट पेमेंट सर्विसेज (आईएमपीएस) के रुप में अब नई तकनीक आई है. इसके जरिए आप एक लाख रुपये तक के ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.
1. आपके बैंक की मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करिए. (हम मान कर चल रहे हैं कि आपके बैंक ने यूपीआई नेटवर्क ज्वाइन कर लिया है).
2. एप्लीकेशन में यूपीआई ऑप्शन चुनें. इसके बाद वर्चुअल पेमेंट एड्रेस बनाएं. यह बिल्कुल किसी ईमेल की तरह होता है.
3. किसी को पैसे ट्रांसफर करने के लिए आपको उसके वर्चुअल पेमेंट एड्रेस की जरूरत पड़ती है.
4. जितने पैसे आपको ट्रांसफर करने हैं वो लिखें. कुछ बैंक एप्लीकेशन्स में आपके डेबिट कार्ड के पीछे लिखे हुए नंबर की भी जरूरत पड़ती है. इसके बाद ‘जमा’ विकल्प चुनें.
5. केवल कुछ सेकंडो में आपके पैसे ट्रांसफर हो जाएंगे और आपके पास एक मैसेज आ जाएगा.
कुछ जगहों पर आप अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड को स्वैप करके भी पेमेंट कर सकते हैं.
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