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सरकार ने शुक्रवार को पीएनबी समेत दस सार्वजनिक बैंकों के मर्जर का ऐलान कर दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में पहले पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक का ऐलान किया. इस ऐलान के मुताबिक केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक अब एक हो जाएंगे. जबकि यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक मिल कर एक बैंक हो जाएंगे. इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का एक साथ मर्जर होगा.
सितंबर में सरकार ने बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय का ऐलान किया था. विलय के बाद बनी एन्टिटी ने अप्रैल-जून की तिमाही में 710 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था. इसके पहले एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया था. यह विलय 1 अप्रैल, 2017 से लागू हो गया था. इसके बाद सरकार की ओर से और भी सार्वजनिक बैंकों के विलय का प्रस्ताव दिया गया था. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक सरकार को पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, ओबीसी, सिंडिकेट बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्र बैंक में से कुछ के विलय की सलाह दी गई थी.
दरअसल सरकारी बैंकों की एनपीए की बढ़ती समस्या ने इकनॉमी की रफ्तार कम कर दी है. बैंकों पर एनपीए के बढ़े बोझ की वजह से निजी निवेश की रफ्तार घट गई. सरकार इकनॉमी को मजबूती देने के अपने अभियान के तहत ही सार्वजनिक बैंकों के विलय के फैसले ले रही है. 23 अगस्त को सरकार ने बैंकों के लिए 70,000 रुपये के री-कैपिटलाइजेशन प्रोग्राम को मंजूरी दी थी. इसके अलावा ऑटो सेक्टर के लिए पैकेज का ऐलान किया गया था. साथ ही सरकार ने एफपीआई पर लगे सरचार्ज को वापस ले लिया था.
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