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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर बड़ा झटका देते हुए प्रतिष्ठित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया है. मूडीज की ताजा रेटिंग में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी का ग्रोथ रेट अनुमान घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया गया है. इससे पहले मूडीज ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी में 6.2 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया था.
इससे पहले देश के केंद्रीय बैंक आरबीआई ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया था.
जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में आई इस कमी के लिए मू़डीज ने देश में जारी आर्थिक बदहाली को जिम्मेदार ठहराया है. अपनी रिपोर्ट में मूडीज ने कहा है कि जीडीपी के 8 फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान निवेश में भारी कमी, मांग में कटौती और आर्थिक दबाव से पैदा हुई आर्थिक सुस्ती की वजह से कमजोर पड़ गया.
इसके अलावा गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFI) के पास कैश की किल्लत जैसी समस्याओं ने आर्थिक सुस्ती की समस्या को और गंभीर कर दिया है.
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में उच्च बेरोजगारी दर और वित्तीय संस्थानों की आर्थिक बदहाली को भारत में छायी आर्थिक सुस्ती की वजह बताया है. मूडीज ने कहा है कि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रहती है तो इसके गंभीर नतीजे होंगे.
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अगर अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रही तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. इसकी वजह से राजकोषीय घाटा कम करने की कोशिश को झटका लगेगा, साथ ही कर्ज का बोझ भी बढ़ता जाएगा.
बता दें, हाल ही में सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया था. इस घोषणा की वजह से सरकारी खजाने पर सालाना 1.5 लाख करोड़ का बोझ पड़ेगा.
मूडीज के मुताबिक, इस छूट की वजह से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटे का आंकड़ा GDP के 3.70 फीसदी पर पहुंच सकता है. जबकि, सरकार ने राजकोषीय घाटे का अनुमान 3.30 फीसदी रखा है.
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