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इकनॉमी के मोर्चे पर भारत के लिए एक और बुरी खबर है. अब दिग्गज रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 17 फरवरी को साल 2020 के लिए भारत का ग्रोथ अनुमान घटा दिया है. पहले मूडीज ने साल 2020 में भारत के 6.6 परसेंट से ग्रोथ करने का अनुमान जताया था, जो अब घटकर 5.4 परसेंट हो गया है. साथ ही मूडीज ने कहा है कोरोनावायरस दुनिया के साथ-साथ भारत की इकनॉमी पर भी असर डाल सकता है.
मूडीज ने अपने ग्लोबल मेक्रो आउटलुक में कहा-
फाइनेंशियल सर्विसेज देने वाली कंपनी मूडीज ने डाटा जारी कर कहा है कि- हो सकता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई हो, लेकिन इकनॉमी में रिकवरी काफी धीमी रह सकती है.
फाइनेंशियल ईयर 2020 के लिए सरकार का इकनॉमिक ग्रोथ का अनुमान 6.8 परसेंट से घटकर 5 परसेंट हो गया है. ब्लूमबर्ग ने अनुमान जताया था कि ये आंकड़ा 5 परसेंट के आसपास रह सकता है. वहीं, इसी फाइनेंशियल ईयर के लिए GVA का आंकड़ा 4.9 परसेंट के आसपास रहने का अनुमान है. आर्थिक आंकड़ों का लेखा जोखा रखने वाली सरकारी संस्था राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने ये आंकड़े जारी किए हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में जीडीपी 4.5 फीसदी पर पहुंच गई थी. यह छह साल की सबसे बड़ी गिरावट रही है. जुलाई-सितंबर के ये आंकड़े पहली तिमाही की जीडीपी से भी कम थे. पहली तिमाही में जीडीपी 5 फीसदी दर्ज की गई थी.
वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 5% रहने का अनुमान लगाया है. ये साल 2008 की अंतरराष्ट्रीय मंदी के दौर के बाद की सबसे कम जीडीपी ग्रोथ हो सकती है.
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