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आठ साल में पहली बार, स्कूटर के मुकाबले बाइक की रफ्तार ज्यादा बढ़ गई है. होंडा की अगुआई में स्कूटर के बाजार ने बाइक के बड़े बाजार पर दबाव बना रखा था. लेकिन इस बार हवा बदल गई.
इस साल के पहले पांच महीने में बाइक की बिक्री में 22 फीसदी की दर से बढ़ी है, जबकि स्कूटर की बिक्री की रफ्तार सिर्फ15 परसेंट बढ़ी है.
देखिए कंफ्यूज मत होइए- हम स्कूटर और बाइक की बिक्री की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि इनकी बिक्री में ग्रोथ की बात कर रहे हैं.
इस साल के 5 माह के आंकड़े हैरान करते हैं क्योंकि पिछले साल की तस्वीर एकदम उलट थी. 2017 में स्कूटर की बिक्री की ग्रोथ बाइक के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा करीब 14 परसेंट थी.
महिलाओं और बुजुर्गों के बीच लोकप्रिय होने की वजह से स्कूटर की बिक्री लगातार बाइक कंपनियों पर दबाव बना रही थी. यहां तक कि होंडा एक्टिवा से मुकाबले के लिए हीरो मोटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टीवीएस ने भी नए नए मॉडल उतार दिए थे जिन्हें बाजार से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा था.
इसके पहले 2009 से पहले बाइक का ही दबदबा था और यही वजह है कि बजाज ऑटो ने स्कूटर बनाने ही बंद कर दिए थे. लेकिन होंडा ने आकर स्कूटर मार्केट की तस्वीर ही बदल दी. इसके बाद स्कूटर मार्केट की ग्रोथ ने बाइक कंपनियों को नई स्ट्रैटेजी के लिए मजबूर कर दिया. क्या 2018 स्कूटर-बाइक कंपिटीशन में बाइक की जीत वाला साल बनेगा?
2018 के पहले 5 माह में बिक्री (SIAM)
इस मामले में मार्केट लीडर है होंडा. लेकिन टीवीएस मोटर, सुजुकी मोटरसाइकिल और पिआजियो ने भी स्कूटर सेगमेंट में नए नए मॉडल उतार दिए हैं. इसलिए जानकारों का कहना है कि स्कूटर की डिमांड में आई कमी अस्थायी है.
उनके मुताबिक ऑटोमेटिक स्कूटर की डिमांड बरकरार है. इसमें कंफर्ट और आसान मैंटेनेंस को देखते हुए इसमें कमी आने के आसार नहीं के बराबर हैं. इसलिए सही सही ट्रेंड पकड़ने के लिए दिवाली तक इंतजार करना होगा.
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