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संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को रद्द करने की मांग करने के कुछ ही दिन बाद नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि किसी भी कारण के लिए प्रदर्शन करने की खातिर विपक्ष की एकता जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष में एकता नहीं होने के बावजूद प्रदर्शन जारी रह सकते हैं. वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर देशभर में चल रहे प्रदर्शनों के संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.
सेन ने सोमवार रात यहां पत्रकारों से कहा,
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अगर एकता नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम प्रदर्शन बंद कर देंगे. जैसा कि मैंने कहा, एकता से प्रदर्शन आसान हो जाता है, लेकिन अगर एकता नहीं है तो भी हमें आगे बढ़ना होगा और जो जरूरी है, वह करना होगा.’’
इससे पहले नवनीता देब सेन स्मृति व्याख्यान में बोलते हुए अर्थशास्त्री ने कहा कि विपक्ष के तर्कों को ऐसा मानना है कि वह विवाद खड़ा करना चाह रहा है, तो एक बड़ी भूल है.
सेन ने अपने भाषण में कहा, ‘‘विपक्ष की नवीन ताकतों की बारीकियों पर जोर देना आवश्यक है. हमें यह और ज्यादा जानने की जरूरत है कि मैं किस चीज को लेकर प्रदर्शन कर रहा/रही हूं. प्रदर्शन में दिल और दिमाग के बीच तालमेल होना चाहिए.’’
सेन ने कहा, ‘‘जब संविधान या मानवाधिकारों में बड़ी गलती दिखाई देती है तो निश्चित तौर पर प्रदर्शन की वजहें होंगी.’’
देब सेन अर्थशास्त्री की पहली पत्नी थीं. उनका गत नवंबर को कोलकाता में उनके आवास पर निधन हो गया था.
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आलोचक रहे सेन ने कुछ दिनों पहले कहा था कि विवादित नागरिकता संशोधन कानून रद्द किया जाना चाहिए.
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