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देश में बढ़ती महंगाई के बीच कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर सवाल दागे हैं. 14 जून को आए थोक और रिटेल महंगाई के आंकड़ों के पीछे के कारणों का हवाला देते हुए चिदंबरम ने मोदी सरकार की पेट्रोल-डीजल महंगा रखने की नीति को आड़े हाथों लिया. पेट्रोल-डीजल के आसमान छूते भाव से लेकर उन्होंने खाद्य महंगाई का मुद्दा उठाया है.
चिदंबरम ने ट्वीट किया-
बता दें कि कच्चे तेल और मैन्युफैक्चर्ड सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी के बीच थोक कीमतों पर आधारित महंगाई दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 फीसदी पर पहुंच गई. लो बेस इफैक्ट के चलते भी मई 2021 में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर तेजी से बढ़ी. मई 2020 में इसका आंकड़ा (-) 3.37 फीसदी था. यह लगातार पांचवां महीना है, जब डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर बढ़ी है. अप्रैल 2021 में इसका आंकड़ा 10.49 फीसदी हो गया था.
मई में रिटेल महंगाई दर 6.30% के स्तरों पर रही है. वहीं अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.23% के स्तरों पर थी. महंगाई बढ़ने में सबसे ज्यादा योगदान तेल की बढ़ती कीमतों और खाद्य महंगाई का रहा है. खाद्य महंगाई 1.96% से उछाल मारकर 5.01% के स्तरों पर पहुंच गई है.
मई खाद्य महंगाई 1.96% से बढ़कर 5.01%
दालों की महंगाई 7.51% से बढ़कर 9.39%
फ्यूल-बिजली महंगाई 7.91% से बढ़कर 11.58%
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