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बिस्किट बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी पारले प्रोडक्ट प्राइवेट लिमिडेट अपने यहां से करीब 10 हजार लोगों को नौकरी से निकाल सकती है. कंपनी ये फैसला ऊंची GST दरों, इकनॉमिक स्लोडाउन और ग्रामीण इलाकों में आई मांग की कमी के चलते ले सकती है. कंपनी के मुताबिक अगर कंजम्प्शन इसी तरह से सुस्त रहा तो कंपनी को छंटनी करनी पड़ेगी.
पारेल के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा-
हमने बिस्किट पर जीएसटी कम करने की मांग की थी. लेकिन सरकार ने को कोई कदम नहीं उठाया. अब हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है. हमें 8,000 से 10,000 नौकरी से लोगों को निकालना पड़ेगा.
मयंक शाह ने बताया है कि 2017 में पारले की बिक्री में 2017 से मतलब जीएसटी लागू होने के बाद से कमी आ रही है. जीएसटी बढ़ने की वजह से कंपनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले 5 रुपये के बिस्किट पर असर पड़ा है. कंपनी को प्रति पैकेट बिस्किट कम करने पड़ रहे हैं. इससे बिस्किट की मांग कम होती जा रही है.
पारले देश की सबसे मशहूर FMCG कंपनियों में से एक है. पारले कंपनी पारले जी, मोनेको, मारी ब्रान्ड के बिस्किट बनाती है. कंपनी के 10 प्लांट हैं जिनमें करीब 1 लाख कर्मचारी काम करते हैं. पारले की ज्यादातर बिक्री ग्रामीम बाजारों में होती है.
टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी 2010-11 की तरह ही बड़े संकट से गुजर रही है. इंडस्ट्री ने अखबारों विज्ञापन का टाइटल है- Indian Spinning Industry Facing Biggest Crisis, Resulting in Huge Job Loses. मतलब भारत का बुनकर उद्योग एक बड़े संकट से गुजर रहा है और इसकी वजह से इस इंडस्ट्री भारी मात्रा में नौकरियां जा रही हैं.
ऑटो सेक्टर में भी मंदी छाई हुई है. कारों की बिक्री में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है. इसके चलते ऑटो सेक्टर में 15,000 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्यूफेचर्स (SIAM) की 13 अगस्त को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल कार बिक्री जुलाई में 18.71 फीसदी गिरकर 18,25,148 रही जो जुलाई 2018 में 22,45,223 थी. ये दिसंबर 2000 के बाद कार बिक्री में आयी सबसे बड़ी गिरावट है.
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