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अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी जनरल की मौत के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ गए हैं. ब्रेंट क्रूड के दाम लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए. वहीं एशियाई बाजार में भी इसमें इजाफा देखने को मिला. इस हमले के बाद खाड़ी में अशांति और बढ़ सकती है. लिहाजा तेल के दाम में और इजाफा हो सकता है. कच्चे तेल की कीमत में इजाफे के बाद भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों पर सीधा असर दिखा. कई कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई.
शुक्रवार को एशियाई बजार में कच्चे तेल के दाम 1.31 फीसदी का इजाफा हो गया और यह 67.12 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. लंदन और न्यूयॉर्क में फ्यूचर्स सौदे के दाम 4 फीसदी तक बढ़ गए. पिछले साल सितंबर में सऊदी अरब के तेल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमले के बाद ग्लोबल ऑयल सप्लाई में पांच फीसदी की गिरावट आई थी.
अगर कच्चे तेल के दाम में इजाफा होता है कि भारत में भी पेट्रोल-डीजल और महंगा हो सकता है. भारत में पेट्रोल -डीजल की महंगाई कम नहीं हुई है. चूंकि देश में ऑयल प्राइस ओपन मार्केट प्राइस से जुड़ चुके हैं. इसलिए किसी भी तेजी का असर यहां की कीमतों पर पड़ना तय है.
दरअसल, अमेरिकी हवाई हमले में ईरानी जनरल की मौत के बाद इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिका ने हवाई हमला किया है, जिसमें ईरान कुद्स फोर्स के हेड जनरल कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है. इस हमले में इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया पोप्युलर मोबलाइलेशन फोर्सेज (PMF) के डिप्टी कमांडर अबू अल-मुहानदीस की भी मौत हुई है.मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अमेरिका के इस हमले में कुल 7 लोगों की मौत हुई है.
इस हमले को लेकर व्हाइट हाउस ने कहा है, ''राष्ट्रपति के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने विदेश में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा के लिए रक्षात्मक कार्रवाई की है, जिसमें ईरानी कद्स फोर्स के हेड कासिम सुलेमानी की मौत हो गई है.''
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